साहित्य का पहला नोबेल लियो टॉलस्टाय को न देने पर स्वीडन के ही 45 लेखकों ने खोल दिया था मोर्चा
तीन से अधिक लोगों को नहीं दिया सकता कोई भी नोबेल पुरस्कार, शुरू में पांच ही क्षेत्रों में दिया जाता था यह पुरस्कार, 1969 में आया अर्थशास्त्र का नोबेल
महान आविष्कारक, वैज्ञानिक और उद्योगपति अल्फेड नोबेल ने 1888 में अपने भाई की मौत पर एक फ्रेंच अखबार में गलती से अपने बारे में छपे मृत्युलेख को पढ़ा तो वह चिंतित हो उठे। उन्हें समझ आ गया कि उनकी मौत के बाद उन्हें लोग कैसे याद करेंगे। इस एक घटना ने उनकी जिंदगी को ही बदल कर रख दिया। 10 दिसंबर 1896 को नोबेल की इटली में मौत के बाद उनकी वसीयत को खोला गया तो इसने सबको चौंका दिया। क्योंकि नोबेल ने भौतिकी, रसायन, फिजियोलाॅजी या चिकित्सा, साहित्य और शांति के पांच क्षेत्रों में मानवता की महान भलाई के लिए काम करने वालों को पुरस्कार देने के लिए उनकी संपत्ति का इस्तेमाल करने को कहा था। नोबेल ने अपनी कुल संपत्ति का 94 फीसदी पांच नोबेल पुरस्कारों की स्थापना के लिए दे दिया था। नोबेल की इस वसीयत को लेकर उठे तमाम सवालों की वजह से नार्वे की सुप्रीम विधायिका ने 26 अप्रैल 1897 तक इस वसीयत को मंजूरी नहीं दी। इस वसीयत को लागू करने वाले रेंजर सोलमन और रूडोल्फ लिलीजेक्यिस्ट ने नोबेल की संपत्ति की देखभाल और पुरस्कार के लिए नोबेल फाउंडेशन की स्थापना की। नोबेल की वसीयत के दिशानिर्देशों में शांति पुरस्कार के चयन के लिए नॉर्वे की नोबेल कमेटी को नामित किया गया था। अप्रैल 1897 में वहां की सुप्रीम विधायिका की मंजूरी के बाद कमेटी के सदस्यों की नियुक्ति कर दी गई। इसके कुछ समय बाद ही अन्य पुरस्कारों को देने के लिए भी संगठनों की घोषणा की गई। ये संस्थान थे- कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट, स्वीडिश एकेडमी और रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज। नोबेल फाउंडेशन में इन पुरस्कारों का किस तरह से चयन होगा इस पर सहमति बनने के बाद 1900 में स्वीडन के राजा ऑस्कर II ने इन निर्देशों को लागू कर दिया।
नोबेल फाउंडेशन की स्थापना 29 जून 1900 को एक निजी संस्थान के रूप में हुई। संस्थान का मुख्य कार्य नोबेल द्वारा छोड़े गए धन का रखरखाव करना और पुरस्कार से संबंधित अनौपचारिक प्रबंधों को देखना है। पुरस्कार के चयन में उसकी कोई भूमिका नहीं होती है। वह एक निवेश कंपनी की तरह कार्य करता है, ताकि नोबेल के धन से पुरस्कार और अन्य प्रबंधों के लिए धन की कोई कमी नहीं हो।
जब नोबेल फाउंडेशन ने सभी दिशानिर्देश तय कर दिए तो नोबेल कमेटियों ने पहले पुरस्कार के लिए नॉिमनेशन जमा करने शुरू किए और उन्होंने पुरस्कार देने वाले संस्थानों को उनकी लिस्ट भेज दी। 1901 में पहले नोबेल पुरस्कार में फिजिक्स के लिए नोबेल कमेटी ने दो नाम चयन करके भेजे थे। इनमें एक्स-रे के आविष्कार के लिए विलहेम रॉन्टगन और कैथोड रे पर काम के लिए फिलिप लेनार्ड का नाम प्रस्तावित किया गया था। एकेडमी ऑफ साइंस ने पुरस्कार के लिए विलहेम को चुना। केमस्ट्री का पहला नोबेल जैकब्स वैन टी हॉफ को केमिकल थर्मोडायनामिक्स पर काम के लिए दिया गया। लेकिन साहित्य का पहला नोबेल पुरस्कार विवादों में आ गया। स्वीडिश एकेडमी ने साहित्य के पहले नोबेल के लिए कवि सुले प्रुधोम्मे का चुना। लेकिन स्वीडन के ही 42 लेखकों समेत अनेक कलाकारों और साहित्यिक आलोचकों ने इस निर्णय की तीखी आलोचना की। वे लियो टॉलस्टाय को पहला नोबेल मिलने की उम्मीद कर रहे थे। चिकित्सा का पहला नोबेल जर्मन माइक्रोबायलोजिस्ट एमिल वोल बेहरिंग को डायरिया की एंटीटॉक्सिन बनाने के लिए दिया गया। नोबेल का पहला शांति पुरस्कार स्विटजरलैंड के जीन हेनरी डुनंट व फ्रांस के फेड्रिक पैसी को संयुक्त रूप से दिया गया। डुनंट को यह पुरस्कार रेड क्रॉस आंदोलन की स्थापना और पैसी को पीस लीड की स्थापना और डुनंट के साथ सक्रिय रूप से काम करने के लिए दिया गया।
नोबेल पुरस्कार अधिकतम तीन लोगों को किन्हीं दो कार्यों के लिए दिया जा सकता है। हालांकि नोबेल शांति पुरस्कार किसी संस्था को भी दिया जा सकता है। नोबेल पुरस्कार पूरी तरह व्यक्तिगत होता है। नोबेल पुरस्कार के लिए मृत्योपरांत नामांकन नहीं हो सकता। लेकिन अगर किसी व्यक्ति की नामांकन से पुरस्कार मिलने के बीच मौत हो जाती है तो उसके नाम पर पुरस्कार के लिए विचार किया जा सकता है। ऐसा दो बार हुआ है।
अभी तक हमने पांच नोबेल पुरस्कारों की ही चर्चा की है। आपको बता दें 1968 में स्वीडन के केंद्रीय बैंक, स्वेरिग्स रिक्सबैंक ने अपनी 300वीं वर्षगांठ के मौके अल्फ्रेड नोबेल के सम्मान में एक पुरस्कार की स्थापना के लिए एक बड़ी राशि दान दी। इसके अगले साल अल्फ्रेड नोबेल की याद में पहली बार अर्थशास्त्र विज्ञान में स्वेरिग्स रिक्सबैंक पुरस्कार दिया गया। राॅयल स्वीडिश एकेडमी ही इस पुरस्कार के लिए चयन करती है और पुरस्कार के लिए सभी दिशानिर्देश बाकी पुरस्कारों के ही समान हैं। हालांकि नोबेल फाउंडेशन ने इसके बाद किसी भी और तरह का पुरस्कार शुरू करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।