कहां है दुनिया में जुड़वां बच्चों की राजधानी और केरल के कोडिन्हीं गांव की क्या है खूबी?
आपने अक्सर यह सुना होगा की हर व्यक्ति का कम से कम एक हमशक्ल दुनिया में जरूर होता है। इंटरनेट पर आपको कुछ एप और साइटें आपके हमशक्ल को तलाशने का दावा करते हुए भी नजर आ जाएंगी। अब आपको अपना हमशक्ल मिले या न मिले, लेकिन, हम आपको दुनिया के दो हिस्सों से ऐसी जगहों की कहानी बताते हैं, जहां पर आपको सैकड़ों की संख्या में जुड़वां हमशक्ल घूमते हुए मिल जाएंगे। इनमें एक शहर नाइजीरिया का इग्बो ओरा और एक गांव भारत के केरल का कोडिन्हीं है। जुड़वां बच्चों की दर इग्बो ओरा में कोडिन्ही की भी तीन गुना है। इसकी वजह को लेकर दोनों ही जगहों पर कोई साफ तथ्य नहीं है। इग्बो ओरा को तो जुडवां की राजधानी भी कहा जाने लगा है और यहां के लोग पिछले 12 सालों से हर साल जुड़वां महोत्सव भी मना रहे हैं।
केरल के गांव कोडिन्ही में कम से कम 400 जुड़वां बच्चे रह रहे हैं। दुनिया में पैदा होने वाले 1000 बच्चों में 4 बच्चे जुड़वां होते हैं। भारत में यह दर 1000 बच्चों पर 10 है, लेकिन केरल के इस गांव में जुड़वां बच्चों का औसत प्रति हजार पर 45 है। वहीं इग्बो ओरा में प्रति एक हजार पर 145 जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं और यहां पर हर घर में कम से कम जुड़वां बच्चों की एक जोड़ी जरूर है।
कोच्चि से करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोडिन्ही में जुड़वां बच्चों के पैदा होने की दर पिछले दस सालों में तेजी से बढ़ी है। मुस्लिम बहुल इस गांव में जुड़वां बच्चों की माताएं भी पूरी तरह स्वस्थ हैं। लोगों का कहना है कि इस गांव पर ऊपर वाले की कृपा है, इसीलिए यहां लगातार जुड़वां बच्चों की संख्या बढ़ रही है। देश-विदेश के िवभिन्न संस्थानों की वैज्ञानिक टीमें इस गांव का दौरा कर चुकी हैं, लेकिन वे भी इसकी वजह जानने में नाकाम रही है।
नाइजीरिया की राजधानी लाओस से 80 किलोमीटर की दूरी पर इग्बो ओरा शहर है। इस शहर की आबादी करीब तीन लाख है। यहां पर जुड़वां बच्चों की जन्म दर की वजह से इसे दुनिया की जुड़वां राजधानी भी कहा जाने लगा है। यहां पर हर साल जुड़वां समारोह मनाया जाता है। अक्टूबर 22 में हुए इस महोत्सव में इस बार 1000 से अधिक जुड़वां लोगों ने हिस्सा लिया। लोगाें का मानना है कि खाने की आदतों की वजह से यहां पर ज्यादा जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं, हालांकि वैज्ञानिक रूप से ऐसा कुछ नहीं माना गया है।