अगर आप साहसिक पर्यटन के शौकीन हैं तो हम आपको भारत और दुनिया की कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बता रहे हैं, जहां जाना न केवल रोमांचक है, बल्कि यह जोखिम भरा भी है। हालांकि, अनेक लोग इन जगहों की सैर कर चुके हैं। इसके बावजूद कुछ जगहें ऐसी हैं, जहां पर जाना असंभव सा है।
नरक का द्वार या गैस का गड्ढा- तुर्कमेनिस्तान के दरवाजा गांव में स्थित जलती गैस के इस गड्ढे या क्रेटर को नरक का द्वार कहा जाता है। यह गड्ढा काराकूम रेगिस्तान में स्थित है। इसके आसपास कुछ अन्य गड्ढे भी हैं। यह गड्ढा 70 मीटर चौड़ा और 20 मीटर गहरा है। सोवियत संघ के विघटन के बाद से यह तुर्कमेनिस्तान का प्रमुख पर्यटन आकर्षण बन गया है। यहां पर पहुंचने के लिए कोई सीधी सड़क नहीं है, लेकिन लोकल गाइडों की मदद से यहां पहुंचा जा सकता है।
फुकताल या फुगताल मठ- लद्दाख की लुंगनक घाटी में बौद्ध मठ फुकताल स्थित है। यह मठ ऐसी जगह पर स्थित है जहां आज भी सिर्फ पैदल ही पहुंचा जा सकता है। इस मठ तक सामान ले जाने के लिए घोड़ों और खच्चरों का इस्तेमाल होता है। सर्दी के मौसम में यहां पर सामान भेजने के लिए जमी हुई जंसकार नदी का इस्तेमाल होता है। हालांकि, अब पदम जाने वाली सड़क बनने से चा गांव या खंगसार गांव से होकर जाने पर कुछ ही घंटों में इस मठ तक पहुंच सकते हैं। इस मठ में 2016 में सोलर बिजली स्थापित होने से यहां रहने वालों के लिए काफी आसानी हो गई है।
उत्तरी सेंटिनल द्वीप- अंडमान द्वीप समूह में स्थित सेंटिनल द्वीप पर सेंटीनली आदिवासी रहते हैं। इन आदिवासियों को किसी का भी इस द्वीप पर आना पसंद नहीं है और वे अपनी इच्छा से आज भी एकाकी जीवन व्यतीत करते हैं। उन्हें अपने द्वीप से बाहर के लोगों मिलने की कोई इच्छा भी नहीं हैं और वे अपने द्वीप पर या उसके आसपास आने वाले लोगों पर हमला भी करते हैं। अंडमान और निकोबार प्रशासन ने इस द्वीप के लोगों को आधिकारिक रूप से तो कोई स्वायत्त शासन की अनुमति नहीं दी है, लेकिन इसके बावजूद वह इस द्वीप के किसी भी मामले में दखल नहीं देता है और यहां के लोगों को उनकी इच्छा के मुताबिक द्वीप पर रहने देता है।
स्नेक आईलैंड या सर्प द्वीप– इल्हा द क्वेमादा ग्रांडे या सामान्य बोलचाल मे स्नेक आईलैंड के नाम से मशहूर ब्राजील का यह द्वीप लाखों खतरनाक व जहरीले वाइपर सांपों का घर है। यह द्वीप आकार में बहुत छोटा है और इसका क्षेत्रफल सिर्फ 43 हेक्टेयर है। इस द्वीप पर लोगों का आना मना है ताकि सांपों और लोगों दोनों को ही बचाया जा सके। केवल ब्राजील की नेवी और कुछ चुने हुए शोधकर्ताओं को ही इस द्वीप पर आने की अनुमति है।