अग्निवीरों को बीएसएफ में मिलेगा आरक्षण और आयु सीमा में छूट
भारतीय सेना में जवानों की नियमित भर्ती के स्थान पर केंद्र सरकार ने अग्निवीर योजना लागू की थी। यह एक तरह से युवाओं के लिए अस्थायी नौकरी थी और सेना से रिटायरमेंट के बाद उनके भविष्य को लेकर अनेक सवाल खड़े हो गए थे। हालांकि सरकार का कहना था कि वह 25 फीसदी अग्निवीरों को सेना में नियमित सैनिक की तरह समायोजित करेगी। इसलिए सवाल बाकी 75 फीसदी रिटायर होने वाले अग्निवीरों का था। शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्रालय ने इस दिशा में बड़ी पहल करते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा करते हुए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया। यही नहीं अग्निवीरों को आयु सीमा में भी छूट देने की घोषणा की गई है।
इस घोषणा के बाद अग्निवीर योजना युवाओं में अधिक लोकप्रिय हो सकती है। यही नहीं सरकार ने इसके जरिए एक तीर से दो निशाने भी साधे हैं। क्योंकि, इस योजना के बाद सेना से रिटायर होने वाले अग्निवीर तो समायोजित होंगे ही, साथ ही बीएसएफ को सेना से प्रशिक्षित सैनिक मिलने से इन सैनिकों के प्रशिक्षण पर खर्च भी कम होगा। संभव है कि आने वाले दिनों में अन्य पैरामिलिट्री सेवाओं में भी अग्निवीरों को वरीयता मिल सकती है। यही नहीं राज्य सरकारों में भी अग्निवीरों को वरीयता मिल सकती है।
सरकार ने सेना पर होने वाले खर्च को कम करने और अपने सैनिक जत्थे की औसत आयु को कम करने के उद्देश्य से अग्निपथ योजना लागू की थी। अग्निपथ योजना में 17 से 21 साल के नौजवानों को अग्निवीर के रूप में चार साल के लिए भर्ती किया जाना था। सरकार की इस योजना का देशभर मे भारी विरोध हुआ था। हांलाकि अग्निवीर बनने के लिए युवाओं में जिस तरह का उत्साह दिखा था, उसने साफ कर दिया था कि विरोध सिर्फ राजनीतिक ही था। लेकिन, अब बीएसएफ में अग्निवीरों को आरक्षण मिलने से सेना में ही बने रहने के इच्छुक युवाओं को विकल्प मिल गया है। बीएसएफ के नोटिफिकेशन के मुताबिक अग्निवीरों के पहले बैच को आयु सीमा में पांच साल और उसके बाद के बैचों को तीन साल की छूट मिलेगी।