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राहुल गांधी की संसद की सदस्यता खत्म

मानहानि मामले में दो साल की सजा होने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है। लोकसभा सचिवालय ने इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी है। इससे पहले गुरुवार को राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने मानहानि के मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई थी। बिना सोचे कुछ भी कह देना इस बार राहुल को भारी पड़ा है। राहुल ने 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। बस इसी बयान के खिलाफ भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी अदालत चले गए थे और उन्होंने राहुल पर पूरे मोदी समुदाय की अवमानना का मुकदमा दर्ज कराया था। सूरत की कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के बाद राहुल गांधी को मानहानि का दोषी माना और इसके करीब आधा घंटे के भीतर उन्हें दो साल की कैद और 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। हालांकि कोर्ट में राहुल ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि इस बयान से उनकी मंशा किसी की मानहानि करना नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना था।

शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय ने राहुल की सदस्यता को रद करने का पत्र जारी किया।

राहुल केरल के वायनाड से सांसद थे। बता दें कि 2019 में वह अमेठी से चुनाव हार गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2013 में अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा। कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत सरकार मामले में यह फैसला दिया था। पहले कोर्ट का अंतिम फैसला आने तक सदस्यता खत्म न करने का प्रावधान था। इसकी वजह से जनप्रतिनिधि मामलों को कोर्ट में लंबा खींच कर बचते रहते थे। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ मनमोहन सरकार एक अध्यादेश भी लाई थी, लेकिन राहुल ने ही दिल्ली प्रेसक्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस अध्यादेश को फाड़ दिया था और इससे गलत करार दिया था। उस समय सरकार अपने साथी लालू यादव की सदस्यता को बचाने की मंशा से यह अध्यादेश लाई थी। अब अगर राहुल गांधी की सजा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी बरकरार रहती है तो उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लग सकती है। ऐसा होने पर राहुल दो साल कैद के साथ ही सजा खत्म होने के बाद छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।

सजा पर सुनवाई के दौरान राहुल की ओर से कोर्ट से कम से कम सजा देने की अपील की गई। उनका कहना था कि उनके बयान से किसी का कोई नुकसान नहीं हुआ है, इसलिए उन पर नरमी बरती जाए। हालांकि अभियोजन पक्ष ने उन्हें अधिकतम सजा देने की मांग की। उनका कहना था कि राहुल कानून बनाने वाले सांसद हैं और अगर वे ही ऐसी बात कहते हैं तो उन पर कोई नरमी नहीं बरती जानी चाहिए। राहुल को सजा मिलने के बाद उनकी बहन प्रियंका ने ट्वीट कर कहा कि डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर राहुल गांधी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस के अन्य नेता भी खुलकर राहुल के साथ खड़े हैं। लेकिन, राहुल को चौंकाने वाला समर्थन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मिला है। केजरीवाल ने कहा कि गैर भाजपा नेताओं पर मुकदमे कर उन्हें खत्म करने की साजिश हो रही है।

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