सिद्धारमैया बनेंगे सीएम और डीके होंगे अकेले उपमुख्यमंत्री
कर्नाटक में शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री के चयन को लेकर फंसी कांग्रेस ने आखिरकार इस मसले को सुलझा ही लिया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक सिद्धारमैया प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे। डीके शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री का पद मिलने के साथ ही उनके छह समर्थकों को भी मंत्री बनाया जाएगा। इसके अलावा डीके से वादा किया गया है कि ढाई साल के बाद उन्हें सीएम पद की कुर्सी सौंप दी जाएगी, हालांकि अभी इसकी घोषणा नहीं की गई है। बताया जाता है कि राहुल गांधी ने इस मामले को सुलझाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री बनने पर अड़े डीके शिवकुमार से बात की और उनको सभी पहलुओं से अवगत कराया। राहुल ने यह भी कहा कि वे पार्टी की जीत के जश्न को फीका करने की कोशिश नहीं करें और समय आने पर उन्हें भी उनका हक ब्याज सहित लौटा दिया जाएगा।
चार दिन से कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चयन का मामला अटका हुआ था। कांग्रेस विधायक दल ने परंपरा के मुताबिक यह फैसला पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के जिम्मे छोड़ दिया था। खड़गे ने पहले सिद्धारमैया से बात की और अगले दिन डीके शिवकुमार को बैठके के लिए बुलाया। असल में जिस क्रम में इन दोनों नेताओं को खड़गे ने बुलया, उससे ही साफ हो गया था कि पहली पसंद से सिद्धारमैया ही हैं। डीके शिवकुमार भी इस बात को भांप गए थे और उन्होंने पहली मीटिंग से अपना रुख कड़ा कर लिया था। उनका कहना था कि केंद्र सरकार की तमाम दमनकारी कोशिशों के बावजूद उन्होंने कर्नाटक में कांग्रेस की वापसी के लिए कड़ी मेहनत की है, इसलिए उन्हें ही मुख्यमंत्री का पद दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री न बनाने से कांग्रेस को नुकसान भी हो सकता है। हालांकि, खुले तौर पर उन्होंने किसी किस्म की धमकी देने से इनकार किया। असल में भ्रष्टाचार व धन शोधन सहित कई मामलों में ईडी ने शिवकुमार पर शिकंजा कसा हुआ है। कांग्रेस नहीं चाहती है कि उनका मुख्यमंत्री किसी तरह के आरोपों का सामना करे। यही वजह रही कि पार्टी डीके की बजाय सिद्धारमैया को ही प्राथमिकता देती रही। पार्टी सूत्रों ने साफ किया कर्नाटक का मसला सुलझ गया है। सत्ता में बंटवारे का फार्मूला तय होने के बाद डीके ने कहा कि हमें कहीं पर तो रुकना ही होगा। उन्होंने कहा कि उनको पार्टी का फार्मूला स्वीकार है। डीके लोकसभा चुनाव तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी बने रहेंगे।