
भारत में मीठा खाना एक परंपरा है। कोई भी खुशी का मौका हो मिठाई खाना और खिलाना आम बात है। लेकिन, मधुमेह के बढ़ते मामलों और लोगों में अपनी फिगर के प्रति बढ़ती जागरूकता ने अनेक लोगों को चीनी से बनी मिठाइयों से दूर कर दिया है। लेकिन, ऐसा नहीं है कि उन्होंने अपनी जिंदगी से मिठास को बिल्कुल ही निकाल दिया हो। इसकी जगह वे शुगर फ्री उत्पादों का इस्तेमाल करने लगे हैं। बाजार में भी ऐसी शुगर फ्री मिठाइयां और आईसक्रीम उपलब्ध हैं। सोशल मीडिया के इस दौर में स्टीविया का पौधा चीनी के सर्वाधिक चर्चित विकल्प के तौर पर उभरा है। बाजार में मौजूद शुगर फ्री पाउडर या टेबलेट की जगह पर लोगों को प्राकृतिक रूप से मीठे के लिए स्टीविया के पत्ते इस्तेमाल करने की सलाह भी दी जाती है। लेकिन, जो लोग अपनी फिगर या वजन घटाने के लिए शुगर फ्री उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें अब चिंता करने की जरूरत है, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लोगों को बिना चीनी वाले मीठे के इस्तेमाल के प्रति आगाह करते हुए कहा है कि इससे आपके स्वास्थ्य को बड़ा खतरा हो सकता है।
डब्लूएचओ के मुताबिक ये सिफारिशें वैज्ञानिक दस्तावजों की नियमित समीक्षा पर आधारित हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इन बिना चीनी वाली चीजों के इस्तेमाल से न केवल लंबे समय तक वजह घटाने में मदद नहीं मिलती, बल्कि टाइप-2 मधुमेह, हृदय रोग और जल्द मौत का खतरा भी बढ़ जाता है। डब्लूएचओ ने कहा है कि इन सिफारिशों का यह मतलब कतई नहीं है कि आप सामान्य चीनी खाना शुरू कर दें। बल्कि, अापको शुगर फ्री चीजें खाने की बजाय अपने दैनिक खानपान से मिठास को कम करना चाहिए। लोगों को मीठे का उपयोग घटाने के लिए अन्य तरीके तलाशने चाहिए, जैसे कि वे कम मीठे फलों अथवा बिना मीठे वाले भोजन और पेय पदार्थों का इस्तेमाल कर सकते हैं। डब्लूएचओ के विशेषज्ञों के मुताबिक चीनी के विकल्पों में किसी तरह के पोषक तत्व नहीं होते हैं, इसलिए अपने स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए भोजन से मीठे को हटाना ही सर्वोत्तम विकल्प है।
डब्लूएचओ ने साफ किया है कि ये सलाह पहले से मधुमेह पीड़ित लोगों को छोड़कर बाकी सभी लोगों के लिए है, क्योंकि मधुमेह के मरीजों को चीनी के विकल्प का इस्तेमाल करने से नुकसान नहीं होता है। ये सिफारिशें चाय-कॉफी पर छिड़के जाने वाले पाउडर या अन्य शुगर फ्री उत्पादों के लिए भी हैं। जिनमें शुगर फ्री ब्रेड, दही, स्नैक अथवा अन्य उत्पाद शामिल हैं। डब्लूएचओ की इस सिफारिश का कैलोरी कंट्रोल काउंसिल ने विरोध किया है। उनका कहना है गैर चीनी उत्पादों के सुरक्षा मानक स्थपित हैं और ये वजन घटाने में सहायक हैं।