कब और कहां हुई थी दुनिया की पहली ट्रेन दुर्घटना?
उड़ीसा के बालासोर जिले के बहनगा बाजार स्टेशन के पास शुक्रवार शाम को हुए जबरदस्त ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई है और 900 से अधिक घायल हैं। बहनगा बाजार स्टेशन के पास शुक्रवार 2 जून को बंगाल के हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई और ट्रेेन का इंजन आउटर पर खड़ी मालगाड़ी पर चढ़ गया। कोरोमंडल की गति अत्यधिक होने के वजह से उसके डिब्बे तीसरी पटरी पर गिर गए और इस पटरी पर आ रही हावड़ा-बेंगलुरू दूरंतो एक्सप्रेस ने इन बोगियों को टक्कर मार दी। तीन ट्रेनों के आपस में टकराने से हादसे की भयावहता बढ़ गई। असल में दुनिया में ट्रेनों का इतिहास जितना पुराना है, हादसों का सफर भी उतना ही पुराना है।
अगर हम दुनिया की ट्रेन की बात करें तो कार्डिनल मैथ्यूज जंग ने 1515 में ऑस्ट्रिया के होजेनसाल्जबर्ग किले में ऐसी ट्रेन का जिक्र किया है, जो लकड़ी की पटरियों पर चलती थी और इसे मनुष्यों अथवा जानवरों द्वारा खींचा जाता था। 1550 में खानों से अयस्क को लाने के लिए घोड़ों द्वारा खींची जाने वाली ट्रेन आई। 1769 में जेम्सवाट द्वारा पहिए को घुमाने में सक्षम इंजन का आविष्कार किया गया, लेकिन इसका इस्तेमाल कपड़ा मिलों और अन्य तरह की मशीनों में होता रहा। पहला पूरी तरह काम करने वाला भाप चालित लोकोमोटिव यानी रेल इंजन 1804 में ब्रिटिश इंजीनियर रिचर्ड ट्रेविथिक ने बनाया। इसके बाद इसमें कई तरह के सुधार हुए और जॉर्ज स्टीवेंसन ने एक बेहतर इंजन बनाया। 1825 में स्टीवेंसन ने लोकोमोशन इंजन और स्टॉकहोम एंड डार्लिंगटन रेलवे कंपनी बनाई और यही दुनिया की पहली ट्रेन सेवा थी। हालांकि, स्टीवेंसन ने अपनी रेलवे में घोड़ों के साथ ही भाप इंजन का इस्तेमाल किया। 1830 में पूरी तरह से भाप इंजन का इस्तेमाल करने वाली पहली सार्वजनिक रेलवे कंपनी लिवरपूल एंड मैनचेस्टर रेलवे थी। इसके बाद तो करीब 100 साल से भी अधिक समय तक दुनिया में रेलवे के लिए भाप के इंजन इस्तेमाल होता रहा।
अब अगर पहले ट्रेन हादसे की बात करें तो यह 1650 में इंग्लैंड में हुआ, जब दो बच्चों को कोयला ले जाने वाली ट्रेन ने कुचल दिया। लोकोमोेटिव ट्रेन का पहला बड़ा हादसा 1815 में हुआ जब एक भाप इंजन का बॉयलर फटने से 16 लोग मारे गए और 40 से अधिक घायल हो गए। ये सभी लोग पटरी के किनारे खड़े होकर ट्रेन को देख रहे थे। भारत में पहली ट्रेन 16 अप्रैल 1853 में बोरी बंदर बॉम्बे और ठाणे के बीच चली थी। यह दूरी कुल 34 किलोमीटर थी। हालांकि देश में पहली पैसेंजर ट्रेन 15 अगस्त 1854 को हावड़ा और हुगली के बीच चली थी। 12 सितंबर 1902 में भारतीय रेलवे के इतिहास में पहला हादसा हुआ। बॉम्बे मद्रास मेल कडप्पा के पास मंगपट्नम में एक पुल पर पटरी से उतर गई, जिससे 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई। देश का सबसे खतरनाक ट्रेन हादसा 1981 में बिहार के बेगूसराय में हुआ था, जब 6 जून को पुल पार करते समय एक ट्रेन बेपटरी होकर नदी में गिर गई थी। इस हादसे में 800 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।