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कुश्ती संघ अध्यक्ष का चुनाव 6 जुलाई को, ब्रजभूषण की जगह हरियाणा के इस पूर्व मंत्री को मिल सकती है जिम्मेदारी

महिला पहलवान यौन शोषण मामले में जल्द ही बड़ी खबर सामने आ सकती है। सरकार ने जहां दिल्ली पुलिस को अपनी जांच में तेजी लाने को कहा है, वहीं भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष को लेकर भी बड़ा फैसला कर लिया है। पहलवानों के आरोपों के बावजूद दिल्ली पुलिस को अब तक ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कुछ भी ऐसा ठोस नहीं मिला है, जिससे पहलवानों के आरोपों की पुष्टि होती हो। हालांकि, पहलवानों के अलावा कुछ अन्य लोगों ने भी ब्रजभूषण के व्यवहार पर सवाल उठाया है, लेकिन सिर्फ इनके आधार पर ब्रजभूषण यौनशोषण के दोषी नहीं ठहराए जा सकते। इस वजह से दिल्ली पुलिस ने आरोपी पहलवानो से कहा है कि यदि उनके पास कोई ऑडियो-वीडियो साक्ष्य हों तो वे उपलब्ध कराएं। साथ ही पुलिस ने उन देशों को भी उन खेलों की फुटेज उपलब्ध कराने को कहा है, जिनमें ब्रजभूषण के व्यवहार को लेकर सवाल उठाए गए हैं। पुलिस की कोशिश है कि वह जो भी अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे, वह फुलप्रूफ हो। इसके आधार पर ही ब्रजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी अथवा उन्हें क्लीन चिट देने का फैसला होगा, यही वजह है कि जांच में देरी हो रही है। उधर, पहलवान जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं और सरकार पर कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगा रहे हैं। देश का गौरव बढ़ाने वाली इन महिला पहलवानों के आरोपों पर तत्काल कार्रवाई नहीं होने से एक वर्ग में ऐसा संदेश भी जा रहा है कि सरकार भाजपा के सांसद को बचा रही है, जबकि असल में ऐसा नहीं है। इसीलिए हाल में सरकार ने इन पहलवानों से मुलाकात कर गतिरोध को तोड़ने की कोशिश भी की है। सरकार की पहल का ही असर रहा कि खेलों में देश का मान बढ़ाने वाले तीनों पहलवानों विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने रेलवे में अपनी नौकरी ज्वाइन कर ली। इस बीच, भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया है। अब ये चुनाव 6 जुलाई को होंगे। फेडरेशन ने जानकारी देते हुआ कहा कि चुनाव के लिए जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस महेश मित्तल कुमार को रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है

सरकार ने महिला पहलवानों को यह भी साफ कर दिया कि उनकी रुचि किसी को बचाने में नहीं है। महिला पहलवानों ने सरकार को अपनी मांगों की एक सूची भी दी है, जिसमें प्रमुख रूप से भारतीय कुश्ती संघ से ब्रजभूषण शरण सिंह का दखल पूरी तरह से खत्म करने की मांग है। यही वजह है कि सरकार ने ब्रजभूषण शरण सिंह के स्थान पर भारतीय कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष का नाम करीब करीब तय कर लिया है। असल में सरकार ने इस मामले में हरियाणा के तीनों पहलवानों के साथ ही कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा के दखल को देखते हुए हरियाणा से ही कुश्ती संघ का नया अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है। वैसे भी कुश्ती में हरियाणा के दबदबे को देखते हुए यदि कुश्ती संघ का अध्यक्ष हरियाणा का होगा तो यह खेल की लिए भी बेहतर होगा। यही नहीं सरकार ने इस नाम को तय करते समय हरियाणा की राजनीति को भी पूरी तरह से ध्यान में रखा है।

सूत्रों के मुताबिक सरकार ने इस पद के लिए हरियाणा के एक पूर्व मंत्री का नाम लगभग तय कर लिया है। मनोहरलाल खट्टर के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे इस दलित नेता की छवि काफी अच्छी है और उनका समाज की सभी बिरादरियों में अच्छा प्रभाव है। दलित बैकग्राउंड की वजह से दीपेंद्र हुड्डा भी उनका सीधा विरोध करने से बचेंगे। हरियाणा का होने की वजह से हरियाणा के पहलवान भी अपने हितों को लेकर आश्वस्त रहेंगे। अब बस उनके नाम की घोषणा होना बाकी है, लेकिन अभी यह पता नहीं चल सका है कि इस फैसले पर ब्रजभूषण शरण का गुट क्या प्रतिक्रिया करेगा। बताया जाता है कि हालात की संवेदनशीलता काे देखते हुए ब्रजभूषण को भी उनके नाम पर राजी करने की कोशिश हो रही है। आपको बता दें कि ब्रजभूषण अपने पुत्र को भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष की कुर्सी पर बिठाना चाहते थे। आगे देखते हैं कि घटनाएं क्या करवट लेती हैं और सरकार का यही नाम अंत तक बना रहता है या फिर किसी और पर दांव लगता है?

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