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द केरला स्टोरी को क्यों नहीं मिल रहा ओटीटी खरीदार?

इस साल की अब तक की सबसे चर्चित और हिट फिल्‍म द केरला स्‍टोरी को अभी तक किसी भी बड़े ओटीटी प्‍लेटफॉर्म से खरीदने का प्रस्‍ताव नहीं मिला है। ऐसे समय में जब हाल के दिनों में अधिकतर बड़े ओटीटी प्‍लेटफार्म के तमाम ओरिजनल प्रोडक्‍ट बुरी तरह से फ्लॉप हो रहे हैं, तब एक सक्‍सेस केरला स्‍टोरी को खरीदने के लिए किसी का आगे न आना कई सवालों को जन्‍म दे रहा है। अदा शर्मा के शानदार अभिनय से सजी इस फिल्‍म ने लव जिहाद के एंगल को बहुत ही बेहतर तरीके से उठाया है। इस फिल्‍म के निर्देशक सुदोप्‍तो सेन ने आरोप लगाया है कि फिल्‍म उद्योग का एक बड़ा तबका उनके खिलाफ हो गया है और उसकी शह पर ही उनकी फिल्‍म को खरीदने के लिए कोई बड़ा ओटीटी प्‍लेटफॉर्म आगे नहीं आ रहा है।

आपको बता दें कि इस्‍लामोफोबिया पर चोट करती इस फिल्‍म से वे तमाम राजनीतिक दल परेशान हैं, जो मुस्‍लिम वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं या मुस्‍लिम उनका कोर वोटर है। इसी वजह से केरल के साथ ही पश्‍चिम बंगाल और तमिलनाडु में इस फिल्‍म को प्रतिबंधित कर दिया गया है। अनेक लोगों की चिंता यह है कि अगर यह फिल्‍म ओटीटी प्‍लेटफॉर्म पर आ गई तो यह सबके लिए सुलभ हो जाएगी और जिन राज्‍यों में इसे अब तक लोग नहीं देख सके हैं वे भी इसे देख लेंगे।

सुदीप्‍तो सेन का कहना है कि हम किसी उपयुक्‍त पेशकश का इंतजार कर रहे हैं। बैन के बावजूद यह फिल्‍म अब तक 200 करोड़ से अधिक का कारोबार कर चुकी है। 2024 के आम चुनाव से पहले इस फिल्‍म के लगातार चर्चा में बने रहने की उम्‍मीद है। आपको बता दें कि 2019 के चुनाव से पहले बनी एक्‍सीडेंटल प्राइममिनिस्‍टर पर भी ऐसा ही हंगामा हुआ था। हालांकि, वह फिल्‍म बॉक्‍स ऑफिस पर कुछ खास नहीं कर सकी थी। समीक्षकों के मुताबिक केरला स्‍टोरी की कहानी में दम है और यह दर्शकों को सोचने पर विवश करती है। हाल के दिनों जिस तरह से उत्‍तराखंड, यूपी, एमपी व राजस्‍थान से लव जिहाद के मामले सामने आए हैं, उससे भी लोग इस फिल्‍म को देखना चाहते हैं। अनेक लोग इस फिल्‍म के ओटीटी प्‍लेटफॉर्म पर रिलीज होने का इंतजार भी कर रहे हैं। हालांकि, एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है, जो इस फिल्‍म को एक प्रोपेगेंडा फिल्‍म बताता है और फिल्‍म में बताए गए आंकड़ों पर सवाल भी उठाता है। लेकिन, यही लोग अभिव्‍यक्‍ति की आजादी बात भी बहुत जोरशोर से करते हैं। जब सवाल अभिव्‍यक्‍ति की आजादी का है तो इस फिल्‍म पर सवाल क्‍यों उठाया जाए, लोगों को अपनी मर्जी से फिल्‍म देखने या न देखने का फैसला करने दिया जाए।

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