लोकरंग

दुनिया के सबसे बड़े फूल की खोज से जुड़ी है षडयंत्र की रोचक कहानी, इससे आती है सड़े मांस जैसी दुर्गंध

लोकरंग के इस अंक में हम आपको दुनिया के सबसे बड़े फूल के बारे में बताएंगे। यह फूल देखने में तो बड़ा है ही, लेकिन इनकी खास बातें भी आपको रोमांचित कर देंगी- दुनिया के सबसे बड़े फूलों में पहला नाम राफेलेशिया अर्नोल्डी का है। यह फूल इंडोनेशिया का राष्ट्रीय फूल है और इसे “कोर्पस फ्लॉवर” भी कहा जाता है। यह मूल रूप से इंडोनेशिया के सुमात्रा और बोर्नियो द्वीप के वर्षावन में पाया जाता है। इस फूल का औसत व्‍यास एक मीटर यानी 3.3 फीट और इसका वजन 11 किलो तक होता है। इस फूल की कलियां बंद गोभी के जैसी होती हैं, जो मदर स्‍टेम यानी मातृ तने से पैदा होती हैं। भूरे लाल रंग के इस फूल के खिलने पर इससे सड़े हुए मांस के जैसी दुर्गंध आती है। इसकी कली को खिलने में कई महीने लगते हैं।

इस फूल की खोज से एक रोचक और षडयंत्र की कहानी भी जुड़ी हुई है। इस फूल को सबसे पहले फ्रांसीसी खोजकर्ता लुइस अगस्‍ता देसचैंप्‍स ने खोजा था। वह जावा द्वीप पर तीन साल तक डच सैनिकों की कैद में रहे। इसी दौरान 1798 में उन्‍होंने इस फूल के नमूने को एकत्र किया। 1798 में जब वह जावा से लौट रहे थे तो उनके जहाज पर ब्रिटिश सैनिकों ने कब्‍जा कर लिया, क्‍योंकि तब ब्रिटेन और फ्रांस के बीच युद्ध हो रहा था। ब्रिटिश सैनिकों ने उनके सभी दस्‍तावेजों को जब्‍त कर लिया। तब ब्रिटिश वैज्ञानिक जोसेफ बैंक ने उनके दस्‍तावेजों की वापसी के लिए आंदोलन भी किया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ और बताया गया कि वे खो गए हैं। हालांकि 1960 में यही दस्‍तावेज बिक्री के लिए बाजार में आ गए और ब्रिटिश म्‍यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्‍ट्री में पहुंच गए। लेकिन एक दिन वे यहां से भी गायब हो गए। 1954 तक इनका कोई अता-पता नहीं था, लेकिन एक दिन ये म्‍यूजियम में ही मिल गए। जिनसे पता चला कि लुइस ने इस फूल का बहुत पहले पता लगा लिया था। क्‍योंकि 1818 में ब्रिटिश सर्जन जोसेफ अर्नोल्‍ड ने अपने एक मलय नौकर द्वारा इस फूल के नमूने को हासिल किया और उनके नाम पर ही बाद में इस फूल का नाम राफेलेशिया अर्नोल्डी रखा गया। समझा जाता है कि ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने इस खोज को अपने नाम से दिखाने के लिए ही लुइस के दस्‍तावेजों को गायब किया था।

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