कहते हैं कि मौके पर जो चौका मार दे, वही असली खिलाड़ी होता है। उत्तराखंड की राजनीति में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक ऐसे ही चतुर खिलाड़ी साबित हो रहे हैं। हाल के दिनों में उन्होंने कुछ ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे उन्होंने उत्तराखंड के उत्पादों को पूरे देश ही नहीं, बल्कि दुनिया में प्रसिद्धि दिलाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से प्रेम किसी से छुपा नहीं है। वह मौका मिलते ही उत्तराखंड आते हैं। शायद ही कोई दूसरा प्रधानमंत्री इतनी बार उत्तराखंड आया हो। अगर किसी राज्य में प्रधानमंत्री मोदी बार-बार जाते हों तो स्वाभाविक है कि वहां के स्थानीय उत्पादों से उनका परिचय होगा ही, क्योंकि प्रधानमंत्री ने ही वोकल फॉर लोकल का नारा दिया है। मुख्यमंत्री धामी ने स्थानीय उत्पादों में प्रधानमंत्री की रुचि को देखते हुए जिस तरह से उन्हें यहां के स्थानीय उत्पादों से रुबरू कराया है, उससे उत्तराखंड के उत्पाद दुनिया भर में छा गए हैं।
प्रधानमंत्री ने अपनी हाल की मन की बात में उत्तराखंड के भोजपत्रों से बने उत्पादों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री जिस तरह से किसी भी उत्पाद के बारे में बताते हैं, उससे पूरी दुनिया की उसमें रुचि बढ़ जाती है। इससे पहले प्रधानमंत्री उत्तराखंड के बेडू यानी अंजीर की एक किस्म के बारे में मन की बात में चर्चा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री ने बेडू के महत्व को जिस तरह से लोगों को बताया उससे लोगों की रुचि बेडू में बढ़ गई। अब धामी ने भी इस मौके का पूरा फायदा उठाया और जब सोमवार को वह प्रधानमंत्री से मिले तो उन्होंने प्रधानमंत्री को बेडू के बने उत्पाद भेंट किए। यही नहीं मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में होने वाले भांग के पौधे के रेशे से बनी शॉल भी प्रधानमंत्री को भेंट कर दी। यह शाॅल भी ऐसा उत्पाद है, जो प्रधानमंत्री का ध्यान खींचे बिना नहीं रहेगा। धामी ने इसके अलावा नंदादेवी राजजात के परंपरागत वाद्ययंत्रों ढोल, दमाऊ व रणसिंघा की एक प्रतिकृति भी प्रधानमंत्री को भेंट की। नंदादेवी राजजात का आयोजन 12 साल में एक बार होता है। इससे पहले धामी प्रधानमंत्री को उत्तराखंड के काफल भी भेंट कर चुके हैं और मोदी ने उसकी सराहना करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था।