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तेलगी का नाम आते ही आज भी लोग जांचने लगते हैं अपनी रजिस्ट्री

अब्‍दुल करीम तेलगी एक ऐसा नाम, जिसका जिक्र होते ही अनेक लोग अपनी जमीन की रजिस्‍ट्री जांचने लगते हैं कि कहीं उनकी रजिस्‍ट्री में लगे स्‍टांप पेपर नकली तो नहीं है। अगर इसी बात का सकारात्‍मक पहलू देखें तो तेलगी के कारनामों के बाद ही सरकार ने स्‍टांप पेपर की सुध ली और उसकी समझ में आया कि इन्‍हें फुलप्रूफ बनाना कितना जरूरी है। इसके बाद ही ई-स्टांप पेपर लागू हुआ।

कर्नाटक में बेलगाम के खानपुर में 29 जुलाई 1961 को एक रेलवे कर्मचारी के यहां अब्‍दुल करीम तेलगी का जन्‍म हुआ था। जब तेलगी छोटा था तभी उसके पिता का निधन हो गया और उसे अग्रेजी मीडियम के अपने सर्वोदय विद्यालय की फीस जमा करने के लिए फलों की रेहड़ी लगानी पड़ी। संघर्ष करते करते तेलगी एक दिन सऊदी अरब चला गया और सात साल के बाद वहां से लौटा। भारत लौटने के बाद उसने सबसे पहले जाली पासपोर्ट बनाने का काम शुरू किया और दक्षिण मुंबई के न्‍यू मैरीन लाइंस में अरेबियन मेट्रो ट्रैवल्‍स नाम से सऊदी अरब लेबर भेजने का काम शुरू किया। मजदूरों को विदेश भेजने के लिए वह ऐसे तमाम नकली दस्‍तावेज तैयार करने लगा, जिनसे उन्‍हें बाहर भेजने में कोई परेशानी नहीं हो। इसके लिए वह मोटी रकम भी वसूलता था। फर्जीवाड़े के इस काम में उसने इतना महारत हासिल कर लिया कि अब वह नकली स्‍टांप पेपर बनाने लगा। स्‍टांप पेपर पहले ट्रेजरी, बैंक, बीमा कंपनियों, स्‍टॉक ब्रोक्रेज फर्मों और प्राइवेट एजेंटों के माध्‍यम से बेचे जाते थे, इसलिए तेलगी ने इन जगहों पर थोक में स्‍टांप पेपर बेचने के लिए तीन सौ लोगों को नियुक्‍त किया। इस काम के लिए अनेक पुलिस वालों और सरकारी कर्मचारियों को भी तेलगी ने साध लिया। जब तक उसका घोटाला पकड़ में आया वह 100 अरब से अधिक के नकली स्‍टांप बेच चुका था। इस पूरी चेन में लगे लोगों ने कितना कमाया होगा, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मात्र नौ हजार का वेतन पाने वाले पुलिस कर्मी निखिल कोठारी के पास एक अरब से अधिक की संपत्‍ति पकड़ी गई। पुलिस के डिप्‍टी कमिश्‍नर रैंक के अफसर तक इस मामले में पकड़े गए, लेकिन बाद में वह छूट गए। लंबी जांच प्रक्रिया के बाद 17 जनवरी 2006 को तेलगी और उसके कई साथियों को तीस साल कड़ी कैद की सजा हुई। हू किल्‍ड हेमंत करकरे किताब लिखने वाले पुलिस अफसर एमएस मुशरिफ ने इस घोटाले में जांच को अंजाम तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई। इसी घोटाले के एक अन्‍य मामले में 28 जून 2007 को तेलगी को 13 साल कैद की और सजा हुई। उस पर 10 अरब का जुर्माना भी लगाया गया।

तेलगी हराम की कमाई से ऐश की जिंदगी जीता था। उसे डांस बार में जाने का शौक था। जहां वह जमकर रुपये उड़ाता था। उसे तरन्‍नुम खान नाम की एक बार डांसर से प्रेम हो गया था और एक बार उसने एक ही दिन में मुंबई की टोपाज बार में 93 लाख रुपये बार डांसरों पर उड़ा दिए थे। वह कुल 13 साल तक जेल में रहा। तेलगी को मेनिनजाइटिस के साथ ही मधुमेह और कई अन्‍य बीमारियां भी थीं, जिसकी वजह से 23 अक्‍टूबर 2017 को बेंगलुरू के विक्‍टोरिया अस्‍पताल में उसकी मौत हो गई। हालांकि तेलगी को एड्स भी था। जब 2001 में उसे अजमेर से गिरफ्तार किया गया था तो उसके मेडिकल में इस बाद की पुष्‍टि हो गई थी। तेलगी के वकील ने आरोप लगाया था कि उसे पुलिस ने एचआईवी संक्रमित इंजेक्‍शन लगाया था।

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