रहस्यलोक

क्यों लगा था चार सौ साल पहले दफन बच्चे व महिला के पांव में ताला?

भारत में महिलाओं को डायन बताकर जिंदा जलाने की अनेक घटनाएं पिछले कई सालों में होती रही हैं। हालांकि, समाज में शिक्षा का स्‍तर बढ़ने और पुलिस व प्रशासन की सख्‍ती के बाद इस पर हाल के वर्षों में रोक लगी है। ऐसे अंधविश्‍वासों को मानने वालों में दुनिया के तामाम देश रहे हैं। पुरातत्‍व वैज्ञानिकों को पोलेंड में खुदाई के दौरान एक बच्‍चे का चार सौ साल पुराना शव मिला है। रोचक तथ्‍य यह है कि इस बच्‍चे के एक पैर पर ताला लगाया हुआ था। वैज्ञानिकों का कहना है कि मध्‍यकाल यानी सत्रहवीं सदी के इस बच्‍चे के बारे में लोगों की आशंका रही होगी कि कहीं यह बच्‍चा दोबारा जिंदा होकर पिशाच यानी वैंपायर नबन जाए।

निकोलस कोपरनिकस विश्‍वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने डबरोवा केलमिंस्‍का के पास मध्‍यकालीन कब्रों की खुदाई में अनेक रोचक तथ्‍यों का पता लगाया है। पिछले साल यहां पर उन्‍हें एक ऐसी जवान महिला का शव मिला था, जिसकी कब्र को दोहरी परतों से बंद किया हुआ था, ताकि वह फिर से जिंदा होकर खड़ी न हो सके। यही नहीं उसके बाएं पैर के अंगूठे पर एक ताला लगा हुआ था। उसके गले के चारों ओर एक हंसिया भी लगाया हुआ था, ताकि अगर वह उठने की कोशिश करती है तो हंसिये की धार से उसकी गरदन ही अलग हो जाए। इस महिला के भी पिशाच बनने की आशंका रही होगी। पांच से सात साल के एक अन्‍य बच्‍चे का शव भी वैज्ञानिकों को िमला था, जिसका मुंह जमीन की तरफ था।

हाल में मिले इस बच्‍चे के पैर में बंधा ताला और महिला के अंगूठे में बंधा ताला समान था। दोनों ही ताले तिकोने थे। इस बच्‍चे की कब्र के पास ही कई हैरान कर देने वाली बच्‍चों की कब्रें मिली है। इनमें से कई बच्‍चे के जबड़ों के हिस्‍से हरे रंग के थे। पिछले साल एक महिला के शव पर भी ऐसा ही हरा रंग मिला था। रिसर्च करने वालों का मानना है कि संभवतया इन शवों के मुख में तांबे की कोई वस्‍तु रखी गई थी। वैज्ञानिक अब इन शवों की डीएनए जांच कराकर अन्‍य जानकारी जुटाने की कोशिश करेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button