मधुमिता हत्याकांड में सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि समय से पहले जेल से रिहा
अापको कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड याद ही होगा। उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्वमंत्री अमरमणि त्रिपाठी (66), उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी (61) आैर दो अन्य को इस मामले में उत्तराखंड की सीबीआई अदालत ने 2007 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। करीब 19 साल जेल में रहने के बाद अमरमणि अब जेल से रिहा होने वाले हैं। इस बारे में गोरखपुर जेल प्रशासन ने आदेश भी जारी कर दिया है। आपको बता दें कि अच्छे आचरण के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने अमरमणि को रिहा करने को कहा है। उधर, अमरमणि को जेल पहुंचाने के लिए पूरी ताकत लगाने वाली मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने इस फैसले का विरोध किया है और सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जी लगाई है। उनकी अर्जी पर श्ाुक्रवार 25 अगस्त को सुनवाई हुई। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मांग के अनुसार फिलहाल अमरमणि की रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। निधि ने राष्ट्रपति और राज्यपाल को भी पत्र लिखा है। मधुमिता की 9 मई 2003 को लखनऊ में उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जब मधुमिता की हत्या हुई थी वह सात माह की गर्भवती थी। उनके और अमरमणि के बीच प्रेमसंबंध थे, लेकिन जब उन्होंने अमरमणि पर विवाह के लिए दबाव डाला तो उनकी हत्या करा दी गई।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को सलाह दी थी कि वह जेलों में अच्छा आचरण करने वाले और उम्रदराज यानी साठ साल से अधिक उम्र के कैदियों की रिहाई पर विचार करे। इसके बाद अमरमणि ने अपनी रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर 10 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अमरमणि की रिहाई का आदेश दिया। राज्य सरकार द्वारा उनको रिहा न करने पर अमरमणि अवमानना याचिका लेकर फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए, जिस पर सर्वोच्च अदालत ने 18 अगस्त को उन्हें रिहा करने का आदेश दोबारा दिया। इसके बाद ही जेल प्रशासन ने अमरमणि को रिहा करने का आदेश जारी कर दिया। जब मधुमिता शुक्ला की हत्या हुई थी, अमरमणि मायावती सरकार में मंत्री थे। हत्याकांड के बाद मायावती ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था और मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी थी। जेल प्रशासन ने बताया कि सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अमरमणि व मधुमणि को जेल से रिहा कर दिया जाएगा।