
भारत ने बांग्लादेश से आयातित वस्तुओं पर बड़े प्रतिबंध लागू कर दिए हैं? इन प्रतिबंधों से करीब 770 मिलियन डॉलर या बांग्लादेश के कुल निर्यात का 42% प्रभावित होगा. अब बांग्लादेश केवल कोलकाता और न्हावा शेवा बंदरगाहों के माध्यम से ही रेडीमेड गारमेंट्स का निर्यात कर सकता है. जबकि पहले इसके लगभग 93% रेडीमेड कपड़ों का निर्यात पूर्वोत्तर भारत के 11 जमीनी बॉर्डर पोस्ट्स से होते थे. अब इन्हें बंद कर दिया गया है. इनके अलावा कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, प्रोसेस्ड फूड, लकड़ी का फर्नीचर, पीवीसी उत्पाद और कॉटन वेस्ट जैसी वस्तुओं के लिए भी जमीनी मार्ग बंद कर दिए गए हैं. यह कदम भारत ने बांग्लादेश द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए जा रहे प्रतिबंधों के जवाब में उठाया है.
ढाका ने क्या प्रतिबंध लगाए थे?
- 2024 के अंत से बांग्लादेश भारतीय वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाता आ रहा है.
- अप्रैल 2025 में, बांग्लादेश ने पांच प्रमुख जमीनी बॉर्डर पोस्ट्स से भारतीय कॉटन यार्न के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया.
- चावल के आयात पर नियंत्रण सख्त किया गया.
- कागज, तंबाकू, मछली और पाउडर दूध जैसी दर्जनों वस्तुओं पर भी प्रतिबंध लगाए गए.
- इसके अलावा बांग्लादेश से होकर गुजरने वाले सामान पर प्रति टन प्रति किलोमीटर 1.8 टका का ट्रांजिट शुल्क भी लगाया गया.
- भारतीय वस्तुओं पर कड़ी पोर्ट जांच भी शुरू कर दी गई, जिससे डिलीवरी में देरी होने लगी.
भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय व्यापार की स्थिति क्या है?
18.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था 2021-22 में व्यापार का स्तर, लेकिन इसके बाद से इसमें गिरावट आई है.
12.2 बिलियन डॉलर रहा अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार
10.4 बिलियन डॉलर का निर्यात किया गया भारत से बांग्लादेश को
1.8 बिलियन डॉलर का आयात किया भारत ने बांग्लादेश से
भारत का निर्यात की वस्तुएं:
कॉटन, कॉटन यार्न, तेल की खली, मसाले, इंजीनियरिंग वस्तुएं, रासायनिक उत्पाद।
बांग्लादेश से आयात माल:
रेडीमेड गारमेंट्स, होम टेक्सटाइल, जूट और जूट उत्पाद.
मैत्रीपूर्ण संबंधों को क्या हुआ?
अगस्त 2024 में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद हालात बिगड़ गए. हसीना सरकार के भारत से अच्छे रिश्ते थे. भारत ने बांग्लादेश को शून्य शुल्क पर लगभग सभी वस्तुओं (सिर्फ शराब और तंबाकू छोड़कर) के निर्यात की छूट दे रखी थी. हसीना सरकार के खिलाफ मजबूत एंटी-इंडिया भावनाएं खड़ी हुईं और उनकी जगह अंतरिम सरकार ने ले ली. शेख हसीना भारत में शरण लेने को मजबूर हुईं. वर्तमान बांग्लादेशी अंतरिम सरकार उन्हें वापस बुलाने (प्रत्यर्पण) की कोशिश कर रही है और भारत को नजरअंदाज कर चीन के करीब जा रही है.
किसे होगा ज्यादा नुकसान?
विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश ने राजनीति को व्यापार से मिलाकर खुद को नुकसान पहुंचाया है. भारत जैसा बड़ा बाजार पास में होना बांग्लादेश के लिए फायदेमंद था. अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान बांग्लादेश ने भारत को 618 मिलियन डॉलर के गारमेंट्स निर्यात किए. उसे चीन से शुल्कमुक्त फैब्रिक आयात कर उसे कपड़ों में बदलकर भारत को प्रतिस्पर्धात्मक कीमतों पर निर्यात करने का लाभ था. अब ये निर्यात बाधित होंगे जिससे भारत के घरेलू उद्योगों को अवसर मिलेगा.