खड़गे को सिंहदेव पर क्यों आया गुस्सा, पार्टी नेताओं को उन्होंने क्या कहा?
कांग्रेस कार्यसमिति की हैदराबाद में हुई बैठक में पार्टी ने दिसंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों में तेलंगाना सहित सभी राज्यों में जीत का दावा किया है। लेकिन, कार्यसमिति की विस्तारित बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का गुस्सा देख पार्टी के अनेक नेताओं की हवा टाइट हो गई है। असल में खड़गे को गुस्सा तो छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीके सिंहदेव पर आया था, लेकिन इससे पार्टी के बाकी नेता भी सहम गए हैं। अब आपको पूरा वाकया बताते हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ गए थे और एक सरकारी कार्यक्रम में उनके साथ सिंहदेव भी मंच पर थे। सिंहदेव सरगुजा राजघराने के वारिस हैं और उनका अपने इलाके में अच्छा रसूख है। सिंहदेव साफ छवि वाले एक नम्र और संबंध निभाने वाले राजनेता के रूप में जाने जाते हैं। इसीलिए विपक्ष के नेता भी उनका सम्मान करते हैं। प्रधानमंत्री के सामने जब सिंहदेव ने भाषण दिया तो उन्होंने शिष्टाचार के तौर प्रधानमंत्री की तारीफ की। उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि आप आज यहां कुछ देने आए हैं। आपने छत्तीसगढ़ को काफी कुछ दिया है और मेरा विश्वास है कि भविष्य में आप हमें और अधिक देंगे। उन्होंने आगे कहा कि मेरा अनुभव है कि मैं कोई भेदभाव महसूस नहीं करता हूं। अगर राज्य को कोई भी जरूरत होती है तो सरकार ने हमेशा सहयोग किया है।
सिंहदेव की यही स्पष्टवादिता खड़गे को खटक गई। कांग्रेस ने पहले प्रधानमंत्री की प्रशंसा को शिष्टाचार करार देकर बात खत्म कर दी थी और शायद यह असल में ऐसा ही था। अनेक मौकों पर विपक्षी एक-दूसरे के बारे में अच्छी बातें करते हैं और भारतीय राजनीति की यह खूबसूरती भी है। प्रधानमंत्री की लगातार आलोचना करने वाले एनसीपी प्रमुख शरद पवार पिछले दिनों एक समारोह में प्रधानमंत्री का सम्मान कर चुके हैं। खड़गे के दबाव में सिंहदेव को अपने बयान पर माफी मांगनी पड़ी, लेकिन भड़के हुए खड़गे का गुस्सा इससे भी शांत नहीं हुआ। उन्होंने नाराजगी जताते हुए सिंहदेव से कहा कि इससे आपकी गलती ठीक तो नहीं होगी। उन्होंने सिंहदेव और पार्टी के बकाया नेताओं को सख्त निर्देश दिए कि वे प्रधानमंत्री की अनावश्यक तारीफ से बचें।