कनाडा में टेंट लगाकर सड़कों पर क्यों रह रहे हैं विद्यार्थी? यहां पढ़ने जाने से पहले जान लें हकीकत
भारत और कनाडा के बीच आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर छिड़ा विवाद लगातार बढ़ रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बचकाना बयानों ने इस आग में घी का काम किया है। भारत ने न केवल ट्रूडो के बयान को गलता बताया है, बल्कि उसने तगड़ी जवाबी कार्रवाई करके कनाडा को बैकफुट पर ला दिया है। यह तो हुई राजनीति की बात, लेकिन अगर आप हाल फिलहाल में अपने बच्चों को कनाडा पढ़ने के लिए भेज रहे हैं या भेजने की सोच रहे हैं तो हम आपको कनाडा की ताजा हकीकत से रूबरू कराते हैं। हर साल हजारों बच्चे भारत से कनाडा पढ़ने के लिए जाते हैं। कनाडा के विश्वविद्यालय इन बच्चों से कई गुना अधिक फीस वसूलते हैं। विदेशी विद्यार्थियों से मिलने वाली फीस यहां के विश्वविद्यालयों के मुनाफे का बड़ा जरिया है। वहां की सरकार को भी इससे खास मुनाफा होता है और एयरलाइंस कंपनियां भी एडमिशन सत्र के दौरान अपने किराये को बढ़ाकर मोटा मुनाफा कमाती हैं। भारतीय बच्चे पढ़ाई के लिए कनाडा को इसलिए प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि अन्य विदेशी मुल्कों के विपरीत कनाडा में पढ़ रहे बच्चों को काम करने के लिए अधिक घंटे मिलते हैं। यही नहीं, बच्चे कुछ भारतीय मूल के लोगों के प्रतिष्ठानों में कैश पर काम करके भी कुछ पैसा कमा लेते हैं। यानी बच्चे कनाडा जाने के बाद अपने रहने खाने का खर्च खुद ही निकाल लेते हैं और यह बच्चों व उनके माता-पिता के लिए बड़ी राहत की बात होती है। कई बच्चे तो अपनी फीस का बड़ा हिस्सा भी खुद अर्जित कर लेते हैं।
आज की हकीकत यह है कि कनाडा के आज के हालात दिनप्रतिदिन खराब हो रहे हैं। महंगाई बहुत तेजी से बढ़ी है, जिसके कारण अब कनाडा में जीवनयापन काफी महंगा हो गया है। कंपनियां खर्च घटाने के लिए लगातार स्टाफ में कटौती कर रही हैं, जिससे वहां बेरोजगारी तेजी से बढ़ी है। ऐसे हालात में काम करके अपना खर्च निकालने की उम्मीद लेकर कनाडा जाने वाले विद्यार्थियों के सामने संकट खड़ा हो गया है। हालात ऐसे हो गए है कि दूसरे देशों से कनाडा में पढ़ने आए 3500 से अधिक विद्यार्थियों को विश्वविद्यालयों और कॉलेज के बाहर टेंट लगाकर रहना पड़ रहा है। कुछ दिनों में ही सर्दी शुरू हो जाएगी तो इन विद्यार्थियों के जीवन पर भी संकट आ सकता है। दूसरी बात, कनाडा अपने नागरिकों को अनेक तरह की सुविधाएं देता है, लेकिन स्टूडेंट वीसा पर गए विद्यार्थियों को वह कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराता है।
रोजगार की स्थिति के बारे में जानने के लिए हम आपको हाल ही एक घटना बताते हैं। कनाडा में पिछले दिनों एक भारतीय मूल के स्टोर संचालक ने अपने स्टोर में सामान्य काम के लिए नौ लोगों की भर्ती का विज्ञापन निकाला। जिसके जवाब में चार सौ लोग इंटरव्यू देने पहुंच गए। इनमें कई लोग तो रो-रोकर अपने लिए नौकरी मांग रहे थे। संचालक को नौ ही लोगों की जरूरत थी, जो दो दर्जन लोगों का इंटरव्यू लेकर पूरी हो जाती, लेकिन उसने इन युवाओं की दयनीय स्थिति देखकर सभी चार सौ का इंटरव्यू लिया।
असल में कनाडा के हालात लगातार खराब हो रहे हैं और इसके लिए प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की नीतियों को जिम्मेदार माना जा रहा है। लोगों में उनका विरोध बढ़ता ही जा रहा है। इसी से ध्यान हटाने के लिए वह निज्जर मामले को हवा दे रहे हैं। लेकिन, भारत के सख्त रुख ने उन्हें बैकफुट पर ला दिया है। वहीं कनाडा में रह रहे खालिस्तानी आतंकियों का हौसला इतना बढ़ गया है कि वे भारत के गैर िसख लोगों को कनाडा छोड़ने की खुलेआम धमकी देने लगे हैं। कनाडा और अमेरिका के नागरिक व खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हाल ही में एक वीडियो जारी करके कनाडा के हिंदुओं को देश छोड़ने की धमकी दी है। स्वतंत्र न्याय प्रणाली का दावा करने वाले ट्रूडो ने अभी तक पन्नू के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। हालांकि कनाडा में विपक्ष के नेता पिएरे पॉलिवरे ने इस धमकी का विरोध किया है। उन्होंने कनाडा के विकास में हिंदुओं के योगदान की तारीफ करते हुए उनके खिलाफ फैलाई जा रही नफरत की निंदा की है।