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उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे मजदूरों को पाइप से ऑक्सीजन, पानी व भोजन की आपूर्ति

उत्‍तरकाशी जिले में यमुनोत्री राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग के धंसने से वहां फंसे करीब 40 मजदूरों को निकालने के लिए एनडीआरएफ लगातार प्रयास कर रही है। आपको बता दें कि दीपावली के दिन सुबह सिल्‍क्‍यारा से डंडालगांव के बीच बन रही इस सुरंग में भूस्‍खलन होने से 40 मजदूर फंस गए हैं। राहत की बात यह है कि मजदूर जहां फंसे हैं वहां पर पाइप के माध्‍यम से ऑक्‍सीजन व पानी पहुंचाया जा रहा है। मजदूरों के पास वॉकी टॉकी होने की वजह से उनसे बात भी हो पा रही है। यही नहीं एनडीआरएफ ने पाइप के माध्‍यम से इन मजदूरों तक सूखा भोजन भी पहुंचाया है। मलबे को हटाने का काम तेजी से जारी है। अभी तक किसी मजदूर के घायल होने का समाचार नहीं है। उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने खुद सिल्‍क्‍यारा पहुंचकर राहत व बचाव कार्यों का जायजा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी धामी से बात करके मामले की जानकारी ली है।

सरकार द्वारा उपलब्‍ध कराई गई जानकारी के मुताबिक रविवार को उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रातः 8:45 पर सिलक्यारा की तरफ से भू-धंसाव हुआ। सिल्कियारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिरने के कारण 40 व्यक्ति फंसे हुए है। आपको बता दें कि 4531 मीटर की इस सुरंग का सिल्कयारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1750 मीटर निर्माण हो चुका है। इन मजदूरों व कर्मियों में उत्तराखण्ड – 02, हिमाचल- 01, बिहार- 04, बंगाल- 03, उत्तरप्रदेश – 08, उड़ीसा के 05, झारखण्ड – 15 एवं असम से 02 लोग हैं।

टनल के अंदर अस्थायी रूप से ऑक्सीजन सप्लाई कम्प्रेशर के द्वारा वाटर पाइप लाइन के माध्यम से लगातार की जा रही है तथा 200 एम.एम. पाइप के माध्यम से भूस्खलन एरिया में वेंटीलेशन सुनिश्चित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें विशेषज्ञ व उचित औषधि उपकरण, एम्बुलेंस सहित टनल गेट पर तैनात हैं। किसी भी विपरीत परिस्थिति में निकटवर्ती जनपदों के चिकित्सालयों एवं एम्स ऋषिकेश को हाई अलर्ट पर रखा गया है। तथा ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति हेतु पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेण्डर का भण्डारण किया गया है।

लखवाड़ हाइड्रो प्रोजेक्ट से एक हॉरीजॉटल ड्रिल मशीन भी घटना स्थल पर कार्यरत है तथा कोलेप्स मैटेरियल को भी एक्सीवेटर तथा फ्रंट लोडर के माध्यम से लगातार हटाया जा रहा है। चूंकि, उक्त स्थल पर लगातार मलबे का आना जारी है। इसलिए शॉर्ट क्रिट का कार्य किया जा रहा है। एयर पाइप लाइन के माध्यम से फंसे हुए व्यक्तियों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है तथा वॉकी-टॉकी के माध्यम से फंसे हुए व्यक्तियों से बात हो रही है सभी 40 व्यक्ति सुरंग के अंदर सुरक्षित बताये गये हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण पूरे खोज एवं बचाव ऑपरेशन को 24×7 मॉनिटर कर रहे हैं। घटना स्थल से पांच किमी की दूरी पर स्यालना के समीप अस्थायी हैलीपैड निर्माण किया जा चुका है। चिन्यालीसौड़ हैलीपैड भी राहत कार्यों हेतु एक्टिव किया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सोमवार को घटना के स्थलीय निरीक्षण के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए जारी बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने स्वयं टनल में जाकर राहत एवं बचाव कार्यों की स्थिति को जाना। मुख्यमंत्री ने स्थलीय निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य में और अधिक तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों को जल्द सुरक्षित निकालना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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