केजरी दिल्ली में कांग्रेस के लिए ईमानदार और पंजाब में भारी बेइमान, ये पब्लिक है, सब जानती है
दिल्ली में 25 मई को और पंजाब में 1 जून को लोकसभा के लिए मतदान होगा। आप सोच रहे होंगे कि हम आपको यह क्यों बता रहे हैं? असल में इन दोनों राज्यों की खासियत यह है कि यहां पर आम आदमी पार्टी की सरकारें हैं और आम आदमी पार्टी कांग्रेस से सत्ता छीनकर दोनों राज्यों में काबिज हुई है। सामान्य तौर पर देखा जाए तो इन हालात में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को एक-दूसरे का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी होना चाहिए। दूसरी ओर, अगर किसी तीसरे से लड़ने के लिए इनमें दोस्ती हो गई हैं तो ऐसा पंजाब व दिल्ली दोनों ही जगहों पर नजर आना चाहिए। लेकिन, इन दोनों दलों की दिल्ली में तो दोस्ती है पर पंजाब में वे आमने सामने है। अब आप को लगेगा कि यह कैसा विरोधाभास है। असल में यह इन दोनों ही दलों की मौकापरस्ती है, जो मतदाता को महामूर्ख समझ रहे हैं। क्या मतदाता इतना मूर्ख है कि वह इन दोनों दलों के झांसे में आसानी से आ जाएगा? इस पर फैसला तो इन दोनों राज्यों के मतदाताओं को ही करना है। हां, हम आपको कुछ ऐसे दृश्य जरूर दिखाना चाहेंगे, जो आपको रोचक जरूर लगेंगे।
दिल्ली में सात लोकसभा सीटों में से तीन पर कांग्रेस और चार पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ रही है। आप सोच रहे होंगे कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी कांग्रेस के लिए और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के लिए वोट मांग रहे होंगे। जी नहीं, राहुल गांधी की यहां पर कोई डिमांड ही नहीं है। केजरीवाल ही कांग्रेस के नेताओं के लिए सभाएं कर रहे हैं। केजरीवाल इन सभाओं में दिल्ली वालों से कह रहे हैं कि अगर उन्होंने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को वोट दिया तो उन्हें दोबारा जेल नहीं जाना पड़ेगा। यह एक तरह से सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है। ईडी ने गुरुवार को इसे कोर्ट में उठाया भी। अब यही केजरीवाल जब पंजाब जाएंगे तो क्या वह वहां भी ऐसा कह पाएंगे? नहीं। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और जालंधर से कांग्रेस प्रत्याशी चरणजीत सिंह चन्नी केजरीवाल को खुलकर भ्रटाचारी बता रहे हैं, वहीं दिल्ली के कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार केजरीवाल को ईमानदारी का सर्टीफिकेट दे रहे हैं। एक ही समय में यह कैसी उलटबांसी है। जनता सब देख रही है, जो अब जान गई है कि नेता कितने शातिर हैं?