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राफेल के शेयर बढ़े, चीनी जे-10 धड़ाम

पीएम के भाषण ने बदली दुनिया के रक्षा बाजारों की धारणा

भारत-पाकिस्तान युद्ध की सच्ची तस्वीर अगर देखनी हो तो बाजार पर नजर डालनी चाहिए. सरकारें अपनी ओर से जीत के दावे कर रही हैं, लेकिन हकीकत बाजार बयां कर रहा है. यही वजह है कि मंगलवार को राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट के साथ ही भारतीय कंपनी एचएएल, भारत डायनामिक्स और बीईएल के शेयरों में तेजी रही, जबकि जे-10 बनाने वाली चीनी कंपनी एविक चेंगदू के शेयर बुरी तरह गिर गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद संबंधित बाजारों की धारणा प्रभावित हुई है.

एविक चेंगदू के शेयरों में 9% की गिरावट

मंगलवार को चीनी रक्षा कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई. एविक चेंगदू एयरक्राफ्ट वही कंपनी है जो जे-10 लड़ाकू विमानों का निर्माण करती है. पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने कहा था कि उनकी वायुसेना ने इन विमानों का इस्तेमाल किया. दिन के दौरान एविक चेंगदू एयरक्राफ्ट के शेयरों में 9.31% तक की गिरावट आई और यह 86.93 युआन तक पहुंच गया. हालांकि 6 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर के शुरू होने के बाद से अब तक इस शेयर ने कुछ ही दिनों में 60% से अधिक की तेजी दिखाई थी. विशेषज्ञों का कहना है कि एविक चेंगदू एयरक्राफ्ट के शेयर ने 73 युआन के स्तर से ब्रेकआउट किया था और 97.55 युआन तक तेजी से पहुंच गया था. अब मुनाफावसूली हो रही है और यह संभावना है कि शेयर फिर से 73 युआन के ब्रेकआउट स्तर पर आ जाए.

चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉर्पोरेशन के शेयर 4% से अधिक गिरे. यह कंपनी नागरिक और सैन्य जहाजों की प्रमुख निर्माता है.

झुजहौ होंगडा के शेयरों में 6% की गिरावट आई. यह कंपनी सैन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपूर्ति करती है.

दसॉल्ट एविएशन में 3% की तेजी

राफेल जेट निर्माता दसॉल्ट एविएशन के शेयरों में मंगलवार को 3% की बढ़त देखी गई और यह 292 यूरो तक पहुंच गया. यह उछाल भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम के बाद और 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना द्वारा की गई सटीक स्ट्राइक के बाद आया. रिपोर्ट्स के अनुसार राफेल विमानों ने स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हैमर हथियारों के साथ ऑपरेशन को अंजाम दिया और वह भी पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश किए बिना. विशेषज्ञों के मुताबिक फिलहाल स्टॉक में 330 यूरो की ओर संभावित उछाल के संकेत हैं.

देसी रक्षा कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी

स्वदेशी रक्षा सामग्रियों की ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुई वाहवाही के बाद मंगलवार को मिसाइल प्रणालियां बनाने वाली भारत डायनामिक्स के शेयरों में सबसे ज्यादा उछाल आया. इसका शेयर 9.4% बढ़कर 1,718 रुपये पर पहुंच गया.

भारत डायनामिक्स लिमिटेड : प्रमुख मिसाइल और गोला-बारूद प्रणाली निर्माताओं में से एक है. 1970 में भारत डायनामिक्स लिमिटेड की स्थापना की गई थी. आज वह विश्व की कुछ गिनी-चुनी प्रतिष्ठित कंपनियों में शामिल हो चुकी है, जो पानी के अंदर उपयोग होने वाले हथियार, गाइडेड मिसाइलें, संबंधित रक्षा उपकरण और हवाई रक्षा उत्पादों की आधुनिकतम तकनीक से भारतीय सशस्त्र बलों के लिए निर्माण और आपूर्ति करती है.

हाल ही में निफ्टी 50 में शामिल की गई भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के शेयरों में 4.6% की बढ़त दर्ज की गई और यह 337.75 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंचा गया.

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) : एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है और एक भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी है. यह जमीन और एयरोस्पेस दोनों क्षेत्रों के लिए उन्नत इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की एक विस्तृत शृंखला का निर्माण करती है. इसमें कम्युनिकेशन सिस्टम्स, रडार, नौसैनिक प्रणाली (नेवल सिस्टम्स) और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम्स शामिल हैं. बीईएल आंतरिक सुरक्षा, टेलीकॉम, ब्रॉडकास्ट सिस्टम्स, और नागरिक इस्तेमाल के लिए भी उत्पादों का डिजाइन और निर्माण करती है.

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के शेयर भी 4.6% चढ़कर 4,645 के उच्च स्तर पर रहे.

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) : भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी है. यह मुख्य रूप से विमानों, हेलीकॉप्टरों, एयरो-इंजनों और संबंधित प्रणालियों के डिज़ाइन, विकास, निर्माण, मरम्मत, ओवरहॉल और अपग्रेड का काम करती है. वायुसेना के लिए तेजस से लेकर अनेक विमान एचएएल ही बनाता है. यह एवियोनिक्स, सहायक उपकरण, एयरोस्पेस संरचनाओं और औद्योगिक समुद्री गैस टर्बाइनों का निर्माण भी करती है.

इसके अलावा, केन्स टेक्नोलॉजी, कोचीन शिपयार्ड, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, अवांटेल, पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजी, एस्ट्रा माइक्रो, डाटा पैटर्न्स सहित कई अन्य रक्षा शेयरों में भी तेजी देखने को मिली.

पाकिस्तान चीनी रक्षा उत्पादों का प्रमुख बाजार

पाकिस्तान के रक्षा आयात का बड़ा हिस्सा चीन से आता है, जिसमें जे-10सी फाइटर जेट भी शामिल है.

2019 से 2023 के बीच पाकिस्तान के 82% रक्षा आयात चीन से हुए, जबकि 2012 से 2019 के बीच यह आंकड़ा 51% था.

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