
इस सप्ताहांत शुरू हो रहे फ्रेंच ओपन महिला टूर्नामेंट में इस बार कई वर्षों में पहली बार कोई स्पष्ट फेवरेट नहीं है. कई खिलाड़ी बेहतरीन फॉर्म में हैं, वहीं इगा स्वियातेक अपनी अब तक की सबसे बड़ी फॉर्म की गिरावट से गुजर रही हैं. जैस्मिन पाओलीनी पिछले हफ्ते इटालियन ओपन में कोको गॉफ को हराकर डब्ल्यूटीए 1000 फाइनल में पहुंचने वाली आठवीं खिलाड़ी बनीं और अपने करियर का सबसे बड़ा खिताब जीत लिया. आर्यना सबालेंका ने जहां दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की है, वहीं पांच वर्षों में चार बार रोलां गैरो में खिताब जीतने वाली स्वियातेक पिछले करीब 12 महीनों से किसी भी टूर-स्तरीय फाइनल तक नहीं पहुंच पाई हैं. ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में मैडिसन कीज से अप्रत्याशित हार के बाद सबालेंका थोड़ी अस्थिर हो गई थीं, लेकिन मियामी और मैड्रिड ओपन जीतकर उन्होंने जोरदार वापसी की.
सबालेंका कभी नहीं पहुंची फ्रेंच ओपन फाइनल में
सबालेंका ने डब्लूटीए को बताया कि मैं बहुत भूखी और गुस्से में थी, लेकिन यह एक पॉजिटिव गुस्सा था. ऑस्ट्रेलियन ओपन फाइनल ने मुझे और मेहनत करने के लिए प्रेरित किया. मुझे समझाया कि फाइनल में जीतने के लिए वाकई मेहनत करनी होती है. यह मेरे लिए एक अच्छा धक्का था. हालांकि, सबालेंका ने हाल ही में कमजोरी के संकेत भी दिए हैं, जब उन्हें रोम क्वार्टर फाइनल में झेंग किनवेन से करारी हार का सामना करना पड़ा. तीन बार की ग्रैंड स्लैम विजेता कभी भी फ्रेंच ओपन के फाइनल तक नहीं पहुंचीं और इस बार वे क्वार्टर फाइनल में स्वियातेक से भिड़ सकती हैं. पिछले साल वे मिर्रा आंद्रेवा से हारकर इसी चरण में बाहर हो गई थीं, जबकि पहले सेट की बढ़त उनके पास थी.
गॉफ, पाओलीनी और पेगुला
कोको गॉफ ने मैड्रिड और रोम में फाइनल खेलकर अपने करियर की सर्वोच्च रैंकिंग (दूसरे नंबर) पर वापसी की है, जिससे उन्हें पेरिस में दूसरी सीडिंग मिली है. 21 वर्षीय गॉफ पहले रोलां गैरो की उपविजेता रह चुकी हैं. लेकिन, पिछले साल के डब्ल्यूटीए फाइनल्स के बाद से कोई खिताब नहीं जीत पाईं. रोम में पाओलीनी से हार के बाद गॉफ ने कहा कि उम्मीद है मैं रोलां गैरो में फाइनल तक पहुंचूंगी और शायद ‘थर्ड टाइम लकी’ वाली कहावत सच हो जाए. जेसिका पेगुला ने भी अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग (तीसरी) की बराबरी की है, लेकिन फ्रेंच ओपन में सिर्फ एक बार तीसरे राउंड से आगे बढ़ पाई हैं. पाओलीनी अब चौथी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी हैं और अपने घरेलू दर्शकों के सामने इटालियन ओपन जीतने के बाद आत्मविश्वास से लबरेज है.
आंद्रेवा की ग्रैंड स्लैम पर नजर
इस सीजन में कई युवा खिलाड़ियों ने डब्ल्यूटीए टूर पर अपनी छाप छोड़ी है, जिनमें सबसे आगे हैं रूसी किशोरी मिर्रा आंद्रेवा है. उन्होंने फरवरी में दुबई में सबसे कम उम्र की डब्ल्यूटीए 1000 चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया और फिर इंडियन वेल्स में और भी शानदार खिताब जीता. अब 18 वर्ष की आंद्रेवा 2021 के बाद पहली बार फ्रेंच ओपन में नई चैंपियन बनने की प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं. वह पिछले साल रोलां गैरो सेमीफाइनल में पहुंची थीं और इस सीजन मैड्रिड और रोम में क्वार्टर फाइनल तक पहुंच चुकी हैं. उनकी 21 वर्षीय हमवतन डायना श्नाइडर भी शीर्ष 10 के करीब हैं और बड़ी खिलाड़ियों को हराकर उलटफेर करने में सक्षम मानी जा रही हैं.
चीन की झेंग और फिलीपींस की एला
चीन की झेंग किनवेन (22) पिछले साल ओलंपिक गोल्ड जीत चुकी हैं. इस बार आठवीं वरीयता के साथ रोलां गैरो में खेलेंगी. फिलीपींस की 19 वर्षीय एलेक्ज़ेंड्रा एला, जिनका यह ब्रेकआउट सीज़न है, ड्रा में बिना वरीयता के छिपा खतरा बनकर उभर सकती हैं. वे कीज और स्वियातेक दोनों को मियामी ओपन में हराकर सेमीफाइनल तक पहुंची थीं और मैड्रिड में भी स्वियातेक को तीन सेट तक टक्कर दी थी.
क्या ‘क्वीन ऑफ क्ले’ को पछाड़ पाएंगी अन्य खिलाड़ी?
अगर ‘क्वीन ऑफ क्ले’ स्वियातेक अपनी शीर्ष फॉर्म नहीं खोज पाईं तो 2021 में बारबोरा क्रेज़िकिकोवा की जीत के बाद यह पहला मौका होगा जब फ्रेंच ओपन की ट्रॉफी पर नया नाम दर्ज होगा.