
बीसीसीआई ने इंग्लैंड दौरे के लिए 18 सदस्यीय टीम का ऐलान किया
राजकुमार अब राजा बन चुका है. लंबे समय से यह साफ था कि शुभमन गिल भविष्य के लिए तैयार किए जा रहे हैं. वह टेस्ट टीम की बल्लेबाज़ी की रीढ़ बनने वाले थे — नंबर 3 या 4 पर एक मज़बूत स्तंभ, जिसके इर्द-गिर्द पूरी टीम की संरचना होगी.
लेकिन गिल के कप्तान बनने तक कई ऐसे घटनाक्रम हुए जो उनके हाथ में नहीं थे. रोहित शर्मा का फॉर्म बुरी तरह गिरना. यहां तक कि उन्होंने खुद को ऑस्ट्रेलिया में प्लेइंग इलेवन से बाहर कर लिया. जसप्रीत बुमराह का कार्यभार प्रबंधऩ क्योंकि एक गेंदबाज़ के तौर पर वे कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं और फिर ऋषभ पंत की दुर्घटना के बाद अब तक मिली-जुली वापसी. और अब, गिल का समय आ गया.
यह गिल के लिए किसी भी मायने में आसान नहीं होगा. इंग्लैंड में पांच टेस्ट की सीरीज़ में कहीं छुपने की जगह नहीं होती. लेकिन गिल का स्वभाव हमेशा से ठंडा और संतुलित रहा है. गुजरात टाइटन्स में अशांत नेहरा की निगरानी में बिताया समय उन्हें भारतीय क्रिकेट के शीर्ष पद के लिए तैयार कर चुका है.
चयनकर्ताओं — जिन्होंने शायद एक पल को विराट कोहली की वापसी या केएल राहुल को अंतरिम विकल्प के तौर पर सोचा हो — ने स्पष्ट संकेत दिया है कि यह दीर्घकालिक सोच वाला फैसला है. यह शुभमन को इसे एक चुनौती की बजाय अवसर के रूप में देखने में मदद करेगा.
गिल को सबसे पहले ज़रूरत है रनों की. अगर वो नहीं आए, तो उनका स्थान भी खतरे में पड़ सकता है. चयनकर्ताओं ने यह दिखा दिया है कि वे सर्वश्रेष्ठ इलेवन में से ही कप्तान चुनना चाहते हैं — अब गिल को यह साबित करना है कि उन्होंने सही निर्णय लिया.
एक कप्तान और रणनीतिकार के रूप में उन्हें काफी कुछ मैदान पर सीखना होगा — और यह स्वाभाविक भी है, क्योंकि वे केवल 25 वर्ष के हैं और कप्तानी का अनुभव सीमित है. लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि उनमें वह सभी गुण हैं जो उन्हें इस ज़िम्मेदारी के लायक बनाते हैं.
चयन समिति अध्यक्ष अजीत अगरकर ने कहा:
आप कप्तान को एक-दो दौरे के लिए नहीं चुनते. हमने शुभमन में पिछले एक-दो वर्षों में प्रगति देखी है. इंग्लैंड में पांच टेस्ट की सीरीज़ बहुत कठिन होगी — शायद उन्हें मैदान पर ही कुछ सीखना पड़े. लेकिन हमें पूरा विश्वास है कि हमने सही व्यक्ति चुना है.”
अगरकर ने यह भी स्पष्ट किया कि यह निर्णय केवल इंग्लैंड दौरे को ध्यान में रखकर नहीं लिया गया है — इससे गिल को यह भरोसा मिलेगा कि शुरुआती प्रदर्शन ही उनके भविष्य का निर्धारण नहीं करेगा, खासकर उस समय में जब टीम भारत सबसे बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है.
बुमराह को उपकप्तानी न मिलने पर:
बुमराह ऑस्ट्रेलिया दौरे में उपकप्तान थे, लेकिन तब भी वह सभी पांच टेस्ट के लिए उपलब्ध नहीं थे. हम उन्हें फिट देखना चाहते हैं — और एक गेंदबाज़ के तौर पर उनका योगदान कप्तानी से कहीं ज़्यादा है. उनसे बात की गई है और वह इस फैसले से सहमत हैं.”
पंत को उपकप्तान बनाए जाने पर:
पिछले कुछ वर्षों में पंत हमारे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों में से रहे हैं. उनका अनुभव गिल के लिए बहुत मददगार रहेगा. फिलहाल हमें लगता है कि यही दो खिलाड़ी टीम को आगे ले जा सकते हैं.
टीम : शुभमन गिल (कप्तान), ऋषभ पंत (उपकप्तान और विकेटकीपर), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, अभिमन्यु ईश्वरन, करुण नायर, नितीश रेड्डी, रवींद्र जडेजा, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), वॉशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, आकाश दीप, अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव
क्या शमी का टेस्ट करियर खत्म हो गया?
इंग्लैंड दौरे की टीम में मोहम्मद शमी को शामिल न किए जाने से उनके टेस्ट करियर पर सवाल उठने लगे हैं. चयनकर्ता अजीत अगरकर के अनुसार, शमी अभी टेस्ट क्रिकेट के कार्यभार के लिए फिट नहीं हैं. ऐसा लगता है कि भारतीय टीम अब धीरे-धीरे देश के सबसे सफल तेज गेंदबाज़ों में से एक से आगे बढ़ने को तैयार है.
अगरकर बोले: मुझे नहीं लगता कि वह सभी पांच टेस्ट के लिए उपलब्ध होते. उनका कार्यभार उस स्तर पर नहीं है जहाँ होना चाहिए.