श्री अम्मा यंगर अयप्पन : भारतीय सिनेमा की पहली और एकमात्र महिला सुपरस्टार
चार साल की उम्र में पहली फिल्म और 13 साल की उम्र में हीरोइन और रजनीकांत की मां की भी भूमिका निभाई थी श्रीदेवी ने
अगर हम आपसे पूछें कि क्या आप श्री अम्मा यंगर अयप्पन को जानते हैं तो अधिकांश लोग इनकार ही करेंगे। इसी सवाल को अगर हम अलग तरह से पूछें कि यह जान्हवी कपूर की मां हैं तो सभी कहेंगे कि वह तो श्रीदेवी हैं, जी हां श्रीदेवी का ही पूरा नाम श्री अम्मा यंगर अयप्पन है। भारतीय सिनेमा में उनका कैरियर पचास साल से अधिक का रहा। भारतीय सिनेमा में अनेक चर्चित और प्रतिभाशाली हीरोइनें रहीं, लेकिन अगर किसी महिला सुपरस्टार की बात करें तो यह दर्जा सिर्फ श्रीदेवी के पास है। भारतीय सिनेमा के सौ साल पूरे होने पर 2013 में सीएनएन-आईबीएन के सर्वे में श्रीदेवी को 100 सालों में भारत की सबसे महान हीरोइन का दर्जा मिला था। 55 साल की उम्र में श्री देवी का दुबई में असामयिक निधन हो गया था।
उन्होंने पहली बार 1967 में चार साल की उम्र में तमिल फिल्म कंधन करुनई में एक बाल कलाकार की भूमिका निभाई थी। छह साल की उम्र में वह एक पौराणिक फिल्म थुनाइवन में बच्चे की लीड भूमिका में आ गई थीं। 1972 में आई फिल्म रानी मेरा नाम से श्रीदेवी ने हिंदी फिल्म में पदार्पण किया। हालांकि इससे पहले वह तमिल के अलावा तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में काम कर चुकी थीं। एक किशोर-वयस्क की भूमिका में उन्होंने 1976 में तमिल फिल्म मूंदरू मुदिचू से शुरुआत की और इसके बाद वह जल्द ही 16 फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाकर वह दक्षिण भारतीय सिनेमा में स्थापित हो गईं। मूंदरू मुदिचू में श्रीदेवी ने 13 साल की उम्र में ही रंजनीकांत की मां की भूमिका िनभाई थी। इस फिल्म में कमल हसन भी थे। 1975 की रोमांटिक फिल्म जूली में भूमिका के बाद सोलहवां सावन में श्रीदेवी पहली बार हिंदी फिल्म में हीरोइन के रूप में आईं। 1983 में आई हिम्मतवाला से उन्हें हिंदी सिनेमा में पहचान मिली और उसके बाद इसी साल आई मवाली, जस्टिस चौधरी व 1984 की तोहफा, नया कदम व मकसद ने उन्हें हिंदी सिनेमा में स्थापित कर दिया। सदमा, जुदाई, चांदनी, चालबाज, नगीना, लम्हे, लाडला व खुदागवाह उनकी टॉप फिल्में रहीं। 2004-2005 में उन्होंने टीवी सीरियल मालिनी अय्यर में प्रमुख भूमिका निभाई। एक लंबे अंतराल के बाद उन्होंने 2012 में इंग्लिश विंगलिश से फिल्मों में वापसी की और 2017 में अपनी 300वीं और अंतिम फिल्म मॉम में रोल किया। इन दोनों ही फिल्मों में उनकी भूमिका को सराहा गया और उन्हें मरणोपरांत सर्वेश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया।