इड्डुकी में क्यों होती है खूनी लाल बारिश?
अगर आप केरल के इड्डुकी में हों और आपके ऊपर खून की बािरश होने लगे तो आप डर जाएंगे। आपको लगेगा कि यह अचानक से क्या होने लगा है। केरल के वायनाड जिले के मालाबार क्षेत्र में 15 जुलाई 1957 को पहली बार खून जैसी लाल बारिश हुई। पूरे इलाके में लाल पानी जमा हो गया और यह बाद में पीले रंग में बदल गया। ऐसी ही भारी बारिश 2001 में जुलाई से सितंबर के बीच कई बार हुई और पूरा इलाका गुलाबी रंग के पानी से सराबोर हो गया। इस बारिश ने सभी को चौंका दिया। क्योंकि, यह मामला एक अजीब प्राकृतिक घटना से जुड़ा था, इसलिए भू-विज्ञान अध्ययन केंद्र को यह मामला सौंपा गया। पहले तो ऐसा लगा कि इस लाल बारिश की वजह कोई उल्कापिंड है, जिसके फटने से उसमें मौजूद लाल कण वर्षा के साथ नीचे आ गए। लेकिन, जब फिर यह सवाल उठा कि ये लाल कण लंबे समय तक एक ही स्थान पर कैसे टिक रहे। जब बारिष के लाल पानी का बारीकी से अध्ययन किया गया तो इसमें बीजाणु जैसे कण मिले। जिसके बाद इस पानी को माइक्रोबायलॉजिकल जांच के लिए भेजा गया। वहां पर जांच में इस पानी में काई जैसे कण भी मिले। जब उचित वातावरण में इस पानी को रखा गया तो इसमें एक खास तरह की फफूंदी उग गई जो इन इलाकों में बहुतायत में होती है। पानी से मिले अवशेषों और इन इलाकों में पेड़ों पर जमी फफूंद की जब जांच की गई तो पता चला की तीनों ही एक समान हैं।
इससे निष्कर्ष निकाला गया कि इस खूनी लाल बािरश की मुख्य वजह यह फफूंद है। जिसके बारीक कण हवा में उड़कर वातावरण में घुल जाते हैं और बारिश होने पर उसके साथ नीचे आ जाते हैं। इससे ही बारिश का पानी लाल हो जाता है। केरल में ऐसी लाल बारिश नियमित अंतराल पर होती रहती है। हालांकि, आखिरी बार जून 2012 में ऐसी बारिश हुई थी।