लगातार फैल रहा H3N2 वायरस क्या है? किसको है सर्वाधिक खतरा?
अब देश की राजधानी के साथ महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में भी H3N2 वायरस के फैलने का खतरा बढ़ गया है। सात और लोगों की मौत के साथ ही देश में H3N2 वायरस यानी स्वाइन फ्लू से अब तक नौ लोगों की मौत हो गई है। सबसे पहले एक व्यक्ति की मौत कर्नाटक और एक की मौत हरियाणा में हुई थी। कर्नाटक में हासन जिले में 82 साल के व्यक्ति की मौत इस बुखार से हुई थी। इस बुखार के मामले देश में लगातार बढ़ रहे हैं। अब तक कुल 352 से अधिक लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो गई है, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने जांच नहीं कराई है और वे ठीक भी हो गए हैं। कोविड के बाद इस बुखार के मामले अधिक तेजी से बढ़ने की आशंका है और यही स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता का विषय भी हैं। हालांकि, यह बुखार संक्रामक तो है, लेकिन कोविड की तरह खतरनाक नहीं है।
असल में सुअर के शरीर में बुखार के चार वायरस पलते हैं। ये हैं- H1N1, H1N2, H3N2 और H7N9। इस समय H3N2 मनुष्यों को संक्रमित कर रहा है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को बुखार, सांस लेने में दिक्कत, खांसी, नाक बहने, शरीर में दर्द, डायरिया व उल्टी की शिकायत हो सकती है। ठीक होने मंे करीब सप्ताह भर का समय लगता है। हालांकि, बुखार बिगड़ने पर मौत भी हो सकती है। यह वायरस संक्रामक है, इसलिए प्रभावित व्यक्ति को मास्क का प्रयोग करने के साथ ही भीड़ में जाने से बचना चाहिए। बाजार में जरूरी दवाएं आसानी उपलब्ध हैं, इसलिए इलाज को लेकर चिंतित होने या बेवजह घबराने की भी जरूरत नहीं है।
हालांकि बीमारी नियंत्रण और बचाव केंद्र, सीडीसी के मुताबिक पांच साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से अधिक के बुजुगों को H3N2 वायरस से सावधान रहने की जरूरत है। इसके अलावा लंबे समय से अस्थमा, हृदय रोग, मधुमेह या कमजोर प्रतिरोधकता वाले लोगों को इस वायरस की चपेट में आने से खतरा हो सकता है। इस बुखार से बचाव के लिए फ्लू वैक्सीन लगाई जा सकती है। नियमित अंतराल पर हाथ धोते रहें और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें, अगर जाना जरूरी हो तो मास्क का प्रयोग करें। बुखार आने पर 24 घंटे घर पर ही आराम करें।