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डरो मत, डरो मत कहते-कहते क्या खुद भी डर गए हैं राहुल?

कांग्रेस ने शुक्रवार को दो चौंकाने वाले फैसले किए। इनमें पहला था कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव नहीं लड़ेंगे और दूसरा था कि राहुल रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे। ये ऐसे फैसले हैं, जिनके एक हिस्‍से पर लगातार बात हो रही थी कि राहुल इस बार अमेठी से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। राहुल वायनाड से पहले ही चुनाव लड़ चुके हैं और मुस्‍लिम बहुल इस सीट पर उनकी जीत के लगभग पूरे आसार हैं। रायबरेली को लेकर प्रियंका वाड्रा के नाम की तो चर्चा हो रही थी पर राहुल सीन में कहीं भी नहीं थे। इसकी वजह यही मानी जा रही थी कि राहुल अमेठी से भागकर यह संदेश नहीं देना चाहेंगे कि वे डर कर अपेक्षाकृत आसान रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे। अब ऐसा हो गया है और इस पर चुनाव के इस मौसम में प्रधानमंत्री मोदी भी कहां चूकने वाले थे, उन्‍हाेंने राहुल को उन्‍हीं के शब्‍दों में कह दिया कि डरो मत, भागो मत। इस बयान से कांग्रेसी नेता तिलमिला गए हैं।

जब आम चुनाव हो रहा हो तो किसी भी राष्‍ट्रीय दल के लिए यह खास मौका होता है। वह ऐसी रणनीति बनाता है, जो विपक्षी को हिलाकर रख दे। कांग्रेस की रायबरेली और अमेठी की रणनीति ने चौंकाया तो जरूर, लेकिन इससे विपक्ष हिला हो ऐसा कतई नहीं है। इसने तो इंडी गठबंधन के डर और कमजोरी को उजागर कर दिया है। राहुल रायबरेली से जीतें इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला, क्‍योंकि दो सीटें जीतने पर उन्‍हें एक सीट छोड़नी ही होगी, एक जीते तो भी समान ही बात है, लेकिन कहीं अगर राहुल दोनों ही सीटें हार गए तो क्‍या होगा? भाजपा ने तो ऐसा दावा कराना शुरू कर भी दिया है। कांग्रेस के इस दांव से इंडी गठबंधन को कोई लाभ होगा ऐसा तो लगता ही नहीं है। अमेठी से स्मृति इरानी की जीत लगभग तय हो गई है। कांग्रेस लाख दावा करे कि राहुल डरे नहीं हैं, लेकिन मतदाताओं में संदेश तो यही गया है कि राहुल डर कर ही रायबरेली गए हैं। प्रधानमंत्री का सपना देखने वाला नेता इतना कमजोर हो तो उसके पीछे बाकी लोग कैसे चल सकते हैं? हकीकत तो यह है कि राहुल परिणाम से पहले ही हार गए हैं। वह अपने भाषणों और अपने बयानों पर आत्‍ममुग्‍ध हो सकते हैं। वह प्रधानमंत्री से लेकर अडानी-अंबानी को भला बुरा कह सकते हैं, लेकिन जब बहादुरी दिखाने का मौका आया तो वह भाग खड़े हुए। इससे एक संदेश यह भी गया है कि राहुल को शायद इस बार वायनाड में भी डर लग रहा है। कांग्रेस के रणनीतिकारों की जय हो!

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