
पिछले कुछ समय से एक ऐसा नैरेटिव बनाने की कोशिश हो रही है कि भारत में भी हालात इतने खराब हैं कि जेन Z यहां भी सड़कों पर उतरकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को सत्ता से हटा सकती है़ पिछले 11 सालों से सत्ता से बाहर कांग्रेस येनकेन प्रकारेण सत्ता पर काबिज होने की चाह में इस प्रोपेगेंडा को बढ़ावा दे रही है़ हालांकि यह कोशिश कोई नई नहीं है और समय-समय पर ऐसा होता रहा है. अगर आपको किसान आंदोलन, सीएए आंदोलन और राहल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ध्यान हो तो ये कुछ ऐसी ही कोशिशें थीं. I Love Mohammad के माध्यम से मुस्लिम युवाओं को आंदोलित करने की कोशिश भी इसी टूलकिट का हिस्सा है़ असल में तमाम कोशिशों के बावजूद मुस्लिम मोदी सरकार के साथ खुद को जुड़ा हुआ नहीं पाते हैं. इसलिए वे किसी भी मसले पर जल्दी आंदोलित हो जाते हैं. इसके बावजूद अमनपसंद मुस्लिम या अधिकांश मुसलमान जिनका राजनीति से कुछ लेना देना नहीं है, वे भले ही भाजपा को वोट न देते हों पर वे सड़कों पर उतरने और सरकार के विरोध में खुलकर आने के पक्ष में नहीं हैं. इन लोगों का मानना हो कि मोदी सरकार भले ही मुस्लिमों के साथ होने का दिखावा न करती हो, लेकिन वह मुसलमानों से सरकार के तौर पर कोई भेदभाव भी नहीं करती है़ हर भारतीय की तरह हर सरकारी योजना से मुसलमान परिवार भी बराबर लाभान्वित हुए है़ इतना ही नहीं भाजपा के कोरवोटर के साथ अन्य लोग भी मानते हैं कि जिस तरह से तमाम सरकारी योजनाएं उनको लाभ दे रही हैं, ऐसा पहले तो कभी नहीं हुआ. यह भी सच है कि योजनाओं के क्रियान्वयन में कुछ खामियां है दिखती हैं लेकिन वे सरकार की बजाय उस तंत्र का परिणाम है, जो हमारे समाज का हिस्सा है़ अगर आपको पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय के 20 सूत्रीय कार्यक्रम की याद हो तो आज शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति या परिवार मिलेगा, जिससे उससे मिले लाभ की याद हो़ लेकिन मोदी की योजनाओं का लाभ लेने वाले लोग आपको अपने आसपास ही मिल जाएंगे़ यही वजह है कि कांग्रेस की जेन Z को आंदोलित करने की नीति परवान नहीं चढ़ पा रही है़
इसका दूसरा पहलू यह है कि कांग्रेस यह तो स्वीकार कर ही चुकी है कि नरेंद्र मोदी को चुनाव में हराना उसके बस की बात नहीं है़ वोट चोरी का झूठा नैरेटिव बनाकर लोगों में गुस्सा पैदा करने की उसकी कोशिश भी नाकाम हो गई है. क्योंकि कांग्रेस हर हार के बाद नाच न जाने आंगन टेढ़ा जैसी हरकत करती रही है़ लोगों को बिहार में हुए एसआईआर से एक और बात समझ आ गई है कि वहां किसी का वाजिब वोट नहीं कटा है तो कांग्रेस किस वोट चोरी की बात कर रही है़ कुल मिलाकर कांग्रेस लगातार ऐसी कोशिशें जारी रखेगी और मोदी सरकार इससे नावाकिफ तो नहीं होगी और वह उसका तोड़ निकाल ही लेगी.