चारधाम यात्रा से ठीक पहले उत्तराखंड में बर्फबारी, स्वास्थ्य विभाग की इस एडवायजरी को भी देखें
चारधाम यात्रा शुरू होने में अब बस दो दिन बाकी हैं। अगर पहले दिन दर्शन के लिए पंजीकरण कराने वालों की बात करें तो उनकी यात्रा या तो शुरू हो गई होगी या फिर शुरू होने वाली होगी। अापको बता दें कि 22 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुल जाएंगे। उत्तराखंड में इस बार अप्रैल में माैसम अत्यंत उतार-चढ़ाव भरा है। बेमौसम बारिश की वजह से तापमान में भारी अंतर आ रहा है। जहां दिन गर्म है, वहीं रात व सुबह सर्द है। गुरुवार को भी बद्रीनाथ धाम में भारी बर्फबारी हुई है और आगे भी अन्य तीर्थस्थलों पर ऐसा हो सकता है, इसलिए पहले से ही इसकी तैयारी करके चलें। देश के अन्य हिस्सों में भीषण गर्मी का सामना कर रहे लोगों के लिए यह समय तीर्थयात्रा व पर्यटन दोनों ही दृष्टि से अत्यंत अनुकूल है। चारधाम यात्रा के लिए अब तक 16 लाख से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्री आ सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं यात्रा के प्रबंधों पर नजर रखे हुए हैं, इसलिए राज्य सरकार भी अत्यंत चुस्त नजर आ रही है। यात्रा के प्रबंधों के अलावा इसे दुर्घटनारहित बनाना भी प्रशासन की चुनौती है, इसलिए यात्रा पर जाने वाले कमर्शियल वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। दूसरी चुनौती यात्रियों के स्वास्थ्य को लेकर है। इसीलिए तमा चिकित्सा व्यवस्थाओं को चाकचौबंद करने के साथ ही उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग ने यात्रियों के लिए विस्तृत स्वास्थ्य एडवायजरी जारी की है। अगर आप यात्रा पर आ रहे हैं तो ये एडवायजरी आपको जरूर जाननी चाहिए। ध्यान रहे कोविड के ताजा मामलों को देखते हुए कोरोना से बचाव के दिशानिर्देशों का भी पालन जरूर करें।
चारधाम यात्रा में समस्त तीर्थस्थल उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं। जिनकी ऊंचाई समुद्र तल से 2700 मी० से भी अधिक है। उन स्थानों में यात्रीगण अत्यधिक ठण्ड, कम आर्द्रता, अत्यधिक अल्ट्रा वायलेट रेडिएश, हवा के कम दबाव और ऑक्सीजन की कम मात्रा से प्रभावित हो सकते हैं। अतः सभी तीर्थयात्रियों की सुगम एवं सुरक्षित यात्रा हेतु निम्न दिशानिर्देश जारी किए गए है।
यात्रा से पूर्व
- योजना बनाना, तैयारी करना, पैकिंग करना : रोकथाम पर ध्यान देने से आप अपनी यात्रा के दौरान सुरक्षित रह सकते हैं। कृपया अपनी यात्रा से पहले चिकित्सा और ट्रैक की तैयारी सुनिश्चित करें । अधिक ऊंचाई बीमारी का कारण बन सकती है, – इसके लिए योजना बनाना, तैयारी करना, पैकिंग करना महत्वपूर्ण है ।
- योजना बनाना :▪ अपनी यात्रा की योजना कम से कम 7 दिन के लिए बनाएं , वातावरण के अनुरूप अनुकूलन के लिए समय दें।
- अनेक ब्रेक की योजना बनाएं – पैदल चढ़ाई के हर एक घंटे बाद और ऑटोमोबाइल चढ़ाई के हर 2 घंटे बाद, 5 से 10 मिनट का ब्रेक लें
- तैयारी करना : रोजाना 5-10 मिनट के लिए श्वास व्यायाम का अभ्यास करें व 20-30 मिनट टहलें
- यदि यात्री की आयु 55 वर्ष है, वह हृदय रोग, अस्थमा, उच्च रक्तचाप या मधुमेह से ग्रस्त है तो यात्रा के लिए फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य जांच करवाए
- पैकिंग करना : ▪ गर्म कपड़े – ऊनी स्वेटर, थर्मल,पफर जैैकेट, दस्ताने, मोजेे
- बारिश से बचाव के लिए रेनकोट या छाता
- स्वास्थ्य जांच उपकरण – पल्स ऑक्सीमीटर व थर्मामीटर
- पहले से मौजूद स्थितियों (हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह) वाले यात्रियों के लिए – सभी जरूरी दवा, परीक्षण उपकरण और अपने चिकित्सक का संपर्क नंबर जरूर रखें
कृपया अपनी यात्रा से पहले मौसम रिपोर्ट का पता करें और सुनिश्चित करें कि आपके पास ठंडे तापमान में प्रबंधन करने के लिए पर्याप्त गर्म कपड़े हैं
अगर आपके डॉक्टर यात्रा न करने की सलाह देते हैं तो कृपया यात्रा न करें
यात्रा के दौरान
- स्वस्थ सतर्क सफल यात्रा – अपनी सुविधा के लिए यात्रा मार्ग के साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा रखे गए संचार को देखें और सभी दिशा निर्देशों का सावधानी पूर्वक पालन करें
यात्रियोंं की सेवा के लिए निकटतम चिकित्सा इकाई के मानचित्र का संदर्भ लें:
- चिकित्सा राहत केंद्र
- प्राथमिक स्वास्थ्य कें द्र
- सामुदायिक स्वास्थ्य कें द्र
- जिला अस्पताल
यदि आप या आपके परिवार के किसी भी सदस्य को नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई भी महसूस हो रहा हो तो कृपया तुरंत निकटतम चिकित्सा इकाई पर पहुंचें-
सीने में दर्द
सांस की तकलीफ (बात करने में कठिनाई)
लगातार खांसी
चक्कर आना/भटकाव (चलने में कठिनाई)
उल्टी
बर्फीली/ ठंडी त्वचा
शरीर के एक तरफ कमजोरी/ सुन्नता
यात्रा के दौरान शराब, कैफीन युक्त ड्रिंक, नींद की गोलियां और मजबूत/शक्तिशाली दर्द निवारक दवाओं का सेवन न करें, धूम्रपान से भी बचें
यात्रा के दौरान कम से कम 2 लीटर तरल पदार्थ पीएं और भरपूर पौष्टिक आहार लें।
इसके अतिरिक्त किसी भी स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन घटना के लिए पर कृपया हमसे 104 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।