
बैंक ऑफ अमेरिका की नई रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में 2060 तक ह्यूमनॉइड रोबोट्स की संख्या तीन अरब तक पहुंच सकती है. जब ऐसा होगा तब अनुमानित वैश्विक जनसंख्या लगभग 10.07 अरब होगी. यानी हर तीन इंसानों पर एक रोबोट होगा. यह बदलाव मानव रोजगार, पहचान और उद्देश्य पर क्या प्रभाव डालेगा? उस समय स्टार वॉर्स के ड्रोइड जैसा कोई रोबोट आपके घर में भी हो सकता है, बस कीमत चुकानी होगी. अब वर्क-लाइफ बैलेंस को प्राथमिकता देने वाले युवा वर्ग की मांगों को पूरा करने के लिए कंपनियां श्रम और कौशल की कमी पूरी करने के लिए ह्यूमनॉइड रोबोट्स ला सकती हैं. लेकिन एआई-समर्थित ह्यूमनॉइड जैसे टेस्ला का ऑप्टिमस, बोस्टन डायनमिक्स का एटलस, शियामी का साइबर वन और भारत की व्योममित्रा कई सवाल भी उठाते हैं. जैसे जवाबदेही, कानूनी स्थिति (हैनसैल रोबोटिक्स की सोफिया को सऊदी नागरिकता मिली हुई है), अधिकार और पूर्वाग्रह की संभावना. दूसरी ओर फ्यूचरिस्ट रे कर्जवाइल का मानना है कि 2045 तक इंसान मस्तिष्क में चिप्स के जरिए दस लाख गुना अधिक बुद्धिमत्ता हासिल कर सकते हैं.
-
कुछ अन्य अनुमान भी हैं
-
2040 के दशक तक पृथ्वी पर 1 अरब ह्यूमनॉइड होंगे
-
2060 के दशक तक पूरे सौरमंडल में 100 अरब रोबोट होंगे, इस विचार का समर्थन एलन मस्क ने भी किया है.
-
2040 तक 1 अरब द्विपद रोबोट्स मौजूद होंगे यह कहना है सन माइक्रोसिस्टम्स के सह-संस्थापक विनोद खोसला का
-
9 लाख यूनिट्स की बिक्री का अनुमान लगाया है मॉर्गन स्टैनली ने 2030 तक
-
2035 तक 63 लाख रोबोट्स होंगे और यह एक 139 अरब डॉलर का बाज़ार होगा़, ऐसा मैक्वेरी का कहना है
-
2050 तक 7 ट्रिलियन डॉलर के बाज़ार की उम्मीद करता है सिटीग्रुप
-
2035 तक 38 अरब डॉलर के बाजार का अनुमान लगाता है गोल्डमैन सैक्स
सस्ते होते रोबोट होंगे चुनौती
जैसे-जैसे मानव श्रम की लागत बढ़ रही है, ह्यूमनॉइड रोबोट्स सस्ते होते जा रहे हैं और इन पर वैश्विक निवेश में उछाल आया है. यह 2020 में 308 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2024 में 1.1 अरब डॉलर हो गया है. ये रोबोट अब चल सकते हैं, कूद सकते हैं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और जनरेटिव एआई में हुई प्रगति के चलते और भी स्मार्ट हो रहे हैं. बैंक ऑफ अमेरिका का अनुमान है कि 2060 तक ये रोबोट औद्योगिक नौकरियों का 20% और सेवा क्षेत्र की नौकरियों का 50% तक संभाल सकते हैं और गाड़ियों की तुलना में इनकी संख्या ज्यादा हो सकती है. एनएनएस इनसाइडर के मुताबिक यह बाज़ार 2023 में 2.21 अरब डॉलर का था, जो 2032 तक 76.97 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. जापान, चीन और अमेरिका इस बदलाव में अग्रणी हैं. विशेषकर बुजुर्गों की देखभाल, रक्षा, रिटेल, मैन्युफैक्चरिंग और लॉजिस्टिक्स में.
ह्यूमनॉइड रोबोट्स की कीमत कितनी है?
बैंक ऑफ अमेरिका का कहना है कि 2025 के अंत तक एक ह्यूमनॉइड रोबोट का हार्डवेयर 35,000 डॉलर का होगा, जो 2030-2035 तक घटकर 13,000–17,000 डॉलर हो जाएगा. इसकी वजह बड़े पैमाने पर उत्पादन और बेहतर पुर्जों की उपलब्धता होगी. इसी बीच क्लाउड आधारित सब्सक्रिप्शन के जरिए रोबोट एक्सेस देने वाला रोबोट्स-एज-ए-सर्विस मॉडल छोटे व्यवसायों के लिए इन्हें सस्ता बना रहा है जो ऊंची शुरुआती लागत वहन नहीं कर सकते.
इसका कार्यबल पर क्या असर होगा?
बेन एंड कंपनी का मानना है कि अगले पांच वर्षों में रोबोट्स कई शारीरिक कार्यों को मानव श्रम के बराबर या कम लागत में कर पाएंगे. अमेरिका में एक बच्चे को पालने की लागत 1,00,000 डॉलर से 3,00,000 डॉलर तक आती है और इसमें 20 साल लगते हैं, जबकि एक ह्यूमनॉइड रोबोट को एक साल में तैनात किया जा सकता है और इसकी कीमत एक सस्ती कार जितनी होगी. 2035 तक 1 मिलियन रोबोट्स को केवल 10 अरब डॉलर में कार्यबल में जोड़ा जा सकता है. मैक्वेरी का अनुमान है कि रोबोट्स परिवारों के लिए कारों जितने आवश्यक हो सकते हैं और 2030 के दशक के अंत से लेकर 2050 तक घरों में इनका व्यापक उपयोग देखा जा सकता है.