
ओपनएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सैम ऑल्टमैन ने बुधवार को अपने कर्मचारियों को उन उपकरणों की झलक दिखाई, जिन्हें वे पूर्व एप्पल डिजाइनर जॉनी आइव के साथ मिलकर विकसित कर रहे हैं. ऑल्टमैन ने 100 मिलियन एआई कंपैनियनंस नाम से योजना पेश की है. जिसके बारे में वे चाहते हैं ये लोगों की रोजमर्रा की ज़िदगी का हिस्सा बनें. उन्होंने कहा कि हमारे पास इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा काम करने का मौका है. यह घोषणा आइव की स्टार्टअप कंपनी आईओ को खरीदने की योजना के साथ की गई, जिसमें आइव क्रिएटिव और डिज़ाइन को लीड करेंगे. ऑल्टमैन ने इस 6.5 अरब डॉलर की डील को ओपनएआई के लिए 1 ट्रिलियन डॉलर वैल्यू तक पहुंचने वाला सौदा बताया. मीटिंग में आइव ने बताया कि वे स्टीव जॉब्स के साथ कितनी करीबी से काम करते थे. उन्होंने कहा कि सैम ऑल्टमैन के साथ काम करने का तरीका मेरे लिए बेहद प्रेरणादायक रहा है. ऑल्टमैन और आइव ने इस गुप्त प्रोजेक्ट के बारे में कुछ संकेत दिए, जिस पर वे काम कर रहे हैं. यह डिवाइस उपयोगकर्ता के परिवेश और जीवन को पूरी तरह से समझने में सक्षम होगी.
डिवाइस की खास बातें
यह आसानी से जेब या डेस्क पर रखी जा सकेगी.
यह उस व्यक्ति की डेस्क पर मैकबुक और आईफोन के बाद तीसरी मुख्य डिवाइस बनेगी.
यह डिवाइस फोन नहीं होगी, बल्कि इसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को स्क्रीन पर निर्भरता से मुक्त करना है.
यह चश्मा भी नहीं होगा और संभावना है कि इसे धारण किया जा सके
आइव ने इसे एक नई डिज़ाइन मूवमेंट कहा
ऑल्टमैन ने इसे डिवाइस के एक परिवार के रूप में बताया
ऑल्टमैन ने कर्मचारियों से कहा कि इस प्रोजेक्ट में गोपनीयता जरूरी है, ताकि प्रतियोगी इसे कॉपी न कर सकें
डिवाइस बनाने के लिए चर्चा जारी
पिछले कई महीनों से आइव की टीम ऐसे वेंडरों से बात कर रही है, जो बड़े पैमाने पर डिवाइस का निर्माण कर सकें. ऑल्टमैन ने कहा कि हम पहले दिन ही 100 मिलियन डिवाइस नहीं भेजेंगे, लेकिन हम सबसे पहले किसी भी कंपनी द्वारा तेज़ी से 10 करोड़ नई चीज़ें भेजने का रिकॉर्ड बनाएंगे. उनका लक्ष्य है कि यह डिवाइस अगले साल के अंत तक बाज़ार में आ जाए. यह योजना ऑल्टमैन की ओपनएआई के विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार की महत्वाकांक्षी सोच को दर्शाती है. जैसे कि अरबों डॉलर के डाटा सेंटर, एंटरप्राइज तकनीक, चैटबॉट्स, व्यक्तिगत रोबोट्स आदि. ऐसे बाजार में जहां एप्पल और गूगल जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां पहले से मौजूद हैं, वहां नए डिवाइस लॉन्च करना खासकर तकनीकी दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है. ओपनएआई समर्थित एक स्टार्टअप हुमन पहले एआईपिन नाम का डिवाइस पेश कर चुका है, जो ग्राहकों को आकर्षित नहीं कर पाया. हुमनमें कई पूर्व एप्पल अधिकारी भी हैं.
फिलहाल घाटे में है ओपन एआई
ओपन एआई पहले से ही वित्तीय घाटे में चल रही है. पिछले साल कंपनी ने निवेशकों को बताया था कि 2029 तक मुनाफा नहीं होगा और तब तक कंपनी को 44 अरब डॉलर का घाटा हो सकता है. भले ही एप्पल और गूगल एआई में पिछड़ते दिखे हों पर अधिकांश निवेशक मानते हैं कि दुनिया के ज्यादातर स्मार्टफोनों के ऑपरेटिंग सिस्टम इन्हीं कंपनियों के हैं और ये कंपनियां ही एआई तक अरबों लोगों की पहुंच बनाती हैं. ऐसे में एक अलग डिवाइस बनाना ही ओपन एआई जैसे एआई स्टार्टअप्स के लिए उपभोक्ताओं तक सीधा पहुंचने का एकमात्र तरीका है.