
चीन की ओर से पाकिस्तान को चुपके से हमला करने वाले (stealth) लड़ाकू विमान दिए जाने की खबरों के बीच, भारत ने भी अपना ऐसा ही विमान बनाने की योजना को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान यानी पहले स्टील्थ फाइटर जेट (Stealth Fighter Jet) बनाने की परियोजना को हरी झंडी दिखा दी है। यह विमान दो इंजन वाला, 5वीं पीढ़ी का होगा। इसे सरकारी एजेंसी एडीए (ADA-एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी) बनाएगी। एडीए जल्द ही सार्वजनिक और निजी कंपनियों से इस परियोजना में शामिल होने के लिए कहेगी। चीन, पाकिस्तान की वायुसेना को मजबूत कर रहा है। इसलिए भारत ने भी अपने स्टील्थ लड़ाकू विमान को तेजी से बनाने का फैसला किया है।
सामरिक नजरिए से बहुत ही महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट
रक्षा मंत्रालय के अनुसार स्टील्थ लड़ाकू विमान कार्यक्रम केवल एक भारतीय कंपनी ही चलाएगी। इसके लिए सरकारी और प्राइवेट दोनों कंपनियां बोली लगा सकती हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि स्टील्थ विमान कार्यक्रम को ‘केवल एक घरेलू फर्म द्वारा ही आगे बढ़ाया जाएगा, जिसके लिए बोलियां स्वतंत्र रूप से, साथ ही एक संयुक्त उद्यम के रूप में भी लगाई जा सकती हैं। ये बोलियां सरकारी और निजी दोनों उद्यमों द्वारा लगाई जा सकती हैं।’ इसका मतलब है कि भारत इस विमान को बनाने के लिए पूरी तरह से भारतीय कंपनियों पर भरोसा कर रहा है।
अत्याधुनिक स्टील्थ फाइटर जेट क्या है
स्टील्थ फाइटर जेट एक खास तरह का लड़ाकू विमान है। इसे बनाना इसलिए मुश्किल है, क्योंकि ये रडार को चकमा देने में माहिर होता है। रडार से बचने का मतलब है कि दुश्मन को ये आसानी से दिखाई नहीं देगा। स्टील्थ का मतलब ही होता है छुपना। यह जेट इसी तकनीक का इस्तेमाल करता है। ये विमान दुश्मनों के लिए बड़ा खतरा माना जाता है।
इस वजह से निजी कंपनियां होंगी शामिल
सरकार ने प्राइवेट कंपनियों को शामिल करने का फैसला इसलिए किया है, ताकि रक्षा क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों को बढ़ावा मिले और HAL (हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) पर दबाव कम हो। HAL पहले से ही LCA (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) तेजस परियोजना में देरी का सामना कर रहा है। HAL का कहना है कि अमेरिका की कंपनी जीई (GE) से जेट इंजन मिलने में देरी के कारण ऐसा हो रहा है। भारत का डीआरडीओ (DRDO) भी जीटीआरई जीटीएक्स-35वीएस कावेरी इंजन परियोजना के तहत अपना इंजन बना रहा है। यह इंजन LCA तेजस के लिए बनाया जा रहा है।
भारत के पास ज्यादातर रूसी और फ्रांसीसी जेट
भारत स्टील्थ विमान परियोजना पर इसलिए जोर दे रहा है, क्योंकि उसके पास ज्यादातर रूसी और फ्रांसीसी विमान हैं। भारतीय वायुसेना में अभी 31 स्क्वाड्रन हैं, जबकि स्वीकृत संख्या 42 है। चीन अपनी वायुसेना को तेजी से बढ़ा रहा है और पाकिस्तान की भी मदद कर रहा है। चीन ने पहले ही 6वीं पीढ़ी का विमान बना लिया है, जिसका नाम जे-36 (J-36) है। इसे चेंगदू एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन ने बनाया है।
पाकिस्तान के पास पहले से ही चीन का जे-10 (J-10) विमान है। खबरों के अनुसार, चीन उसे अपना सबसे आधुनिक स्टील्थ विमान, शेनयांग जे-35 (Shenyang J-35) भी देने की पेशकश कर रहा है। यह एक सीट वाला, दो इंजन वाला, हर मौसम में काम करने वाला विमान है। कुछ खबरों में यह भी कहा गया है कि चीन यह विमान पाकिस्तान को कम कीमत पर दे रहा है।