देहरादून। चारधाम यात्रा मार्ग पर होटलों और दुकानों को इस बार खाद्य सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करना होगा। यदि सुरक्षा मानकों की अनदेखी की तो होटल मालिक और दुकानदारों पर कार्रवाई हो सकती है। इतना ही नहीं, खराब खाना मिलने के लिए संबंधित इलाके के खाद्य अधिकारी भी जिम्मेदार होंगे। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त डाॅ. आर राजेश कुमार ने कहा है कि तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले होटल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को इस संबंध में कार्ययोजना को अमल में लाने के निर्देश दिये हैं।
डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि चारधाम यात्रा को सुरक्षित बनाने एवं शुद्ध भोजन के लिए होटल संचालकों और दुकानदारों को खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन करने का निर्देश दिया है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा सचिव ने इस संबंध में सभी जिलों के संबंधित अधिकारियो ंको आदेश दिये हैं कि चारधाम यात्रा मार्ग पर विक्रय हो रहे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित किया जाए। इसके तहत खाद्य कारोबारी अपने प्रतिष्ठान पर नियमानुसार निर्धारित फूड सेफ्टी डिस्पले बोर्ड लगाएगा। आदेश में कहा गया है कि ढाबों में साफ-सफाई होनी चाहिए। बासी एवं खुले खाद्य पदार्थ न बेचे जाएं। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि ढाबों में कार्यरत कर्मचारियों के स्वास्थ्य की नियमित जांच हों और उनका मेडिकल सर्टिफिकेट मौजूद रहे।
डॉ. कुमार ने बताया कि राज्य खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशाला रूद्रपुर को चारधाम यात्रा से संकलित किये गये नमूनों की जांच प्राथमिकता से करने का आदेश दिया है। प्रत्येक सप्ताह नमूनों की जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाएगी। जिसके बाद दोषी पाये जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही चारधाम यात्रा के लिए गढ़वाल मण्डल के उपायुक्त आरएस रावत को नोडल अधिकारी नामित किया है। नोडल अधिकारी चारधाम यात्रा में प्रतिदिन खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के कार्यों का पर्यवेक्षण कर मुख्यालय को अवगत करायेंगे। इसके साथ ही जनपदीय नोडल अधिकारियों में देहरादून से प्रेम चन्द जोशी, हरिद्वार से महिमानंद जोशी, उत्तरकाशी से अश्वनी कुमार, रुद्रप्रयाग से मनोज सेमवाल, चमोली से अमिताभ जोशी, टिहरी से राजेन्द्र सिंह पाल, पौड़ी से अजब सिंह रावत को जिम्मेदारी दी गई है।