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राहुल को मानहानि मामले में सजा से नहीं मिली राहत, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

गुजरात हाईकोर्ट ने मानहानि के मामले में राहुल गांधी को मिली दो साल कैद की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने इस संबंध में दायर राहुल की याचिका को खारिज कर दिया है। यह फैसला राहुल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। अब राहुल राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं। इससे पहले, मानहानि मामले में दो साल की सजा होने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी। राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने मानहानि के मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई थी। बिना सोचे कुछ भी कह देना इस बार राहुल को भारी पड़ा है। राहुल ने 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। बस इसी बयान के खिलाफ भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी अदालत चले गए थे और उन्होंने राहुल पर पूरे मोदी समुदाय की अवमानना का मुकदमा दर्ज कराया था। सूरत की कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के बाद राहुल गांधी को मानहानि का दोषी माना और इसके करीब आधा घंटे के भीतर उन्हें दो साल की कैद और 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। हालांकि कोर्ट में राहुल ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि इस बयान से उनकी मंशा किसी की मानहानि करना नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना था।

सजा सुनाते समय राहुल कोर्ट में ही मौजूद थे। सजा सुनाने के कुछ समय के बाद ही कोर्ट ने राहुल को जमानत दे दी और उनकी सजा को 30 दिन के लिए स्थगित कर दिया। इस सजा के बाद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खतरे में पड़ गई है। क्योंकि दो साल या इससे अधिक सजा पाए व्यक्ति की सदस्यता रद्द हो सकती है। हालांकि अगर राहुल अपनी सजा को हाईकोर्ट में चुनौती देते हैं और उन्हें वहां से स्थगनादेश मिल जाता है तो उनकी सदस्यता बच सकती है। हालांकि विशेषज्ञ सिर्फ सजा पर स्थगनादेश को काफी नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि राहुल को दोष सिद्धि पर भी हाईकोर्ट से स्थगनादेश लेना होगा, तभी उनकी सदस्यता मामले में फैसला आने तक बचेगी। इस स्थिति में राहुल की चुनौतियां बढ़ गई हैं।

सजा पर सुनवाई के दौरान राहुल की ओर से कोर्ट से कम से कम सजा देने की अपील की गई। उनका कहना था कि उनके बयान से किसी का कोई नुकसान नहीं हुआ है, इसलिए उन पर नरमी बरती जाए। हालांकि अभियोजन पक्ष ने उन्हें अधिकतम सजा देने की मांग की। उनका कहना था कि राहुल कानून बनाने वाले सांसद हैं और अगर वे ही ऐसी बात कहते हैं तो उन पर कोई नरमी नहीं बरती जानी चाहिए। राहुल को सजा मिलने के बाद उनकी बहन प्रियंका ने ट्वीट कर कहा कि डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर राहुल गांधी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस के अन्य नेता भी खुलकर राहुल के साथ खड़े हैं। लेकिन, राहुल को चौंकाने वाला समर्थन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मिला है। केजरीवाल ने कहा कि गैर भाजपा नेताओं पर मुकदमे कर उन्हें खत्म करने की साजिश हो रही है।

 

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