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भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

नीति आयोग के सीईओ ने आईएमएफ की आउटलुक रिपोर्ट का दिया हवाला

नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के आंकड़ों के अनुसार भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल कर लिया है. वह विकसित राज्य से विकसित भारत 2047 पर आधारित 10वीं नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल बैठक की प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि जैसा कि मैं बोल रहा हूं, भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. हम इस समय 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था हैं और ये आंकड़े मेरे नहीं हैं, ये आईएमएफ के आंकड़े हैं. भारत अब जापान से बड़ा है.

जल्द तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना

सुब्रह्मण्यम ने आगे कहा कि भारत जल्द ही जर्मनी को भी पीछे छोड़ देगा और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. इस समय अमेरिका, चीन और जर्मनी ही भारत से बड़े हैं. अगर हम अपनी योजनाओं पर टिके रहे तो 2 से 3 वर्षों में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है.

आईएमएफ की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में अनुमान

आईएमएफ की अप्रैल 2025 की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार,
वित्त वर्ष 2026 में भारत की नोमिनल जीडीपी लगभग 4,187.017 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो जापान की अनुमानित जीडीपी (4,186.431 बिलियन डॉलर) से थोड़ी अधिक है. 2024 तक भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था. आईएमएफ का यह भी अनुमान है कि भारत अगले दो वर्षों में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा.

भारतीय अर्थव्यवस्था

2025 में अनुमानित वृद्धि दर: 6.2%

2026 में अनुमानित वृद्धि दर: 6.3%

वैश्विक औसत अनुमान:

2025 में विश्व अर्थव्यवस्था वृद्धि: 2.8%

2026 में विश्व अर्थव्यवस्था वृद्धि: 3.0%

भारत की विकास क्षमता

सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत तेजी से विकास के दौर में प्रवेश कर रहा है और भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश इस वृद्धि को आगे बढ़ाने में मदद करेगा.

भारत अब उस स्थिति में है जहां वह तेजी से विकास कर सकता है, जैसा कि अतीत में कई देशों ने किया है.
भारत के पास अगले 20–25 वर्षों तक जनसांख्यिकीय लाभांश है, जिससे यह तेज़ी से आगे बढ़ सकता है.
इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों से कहा है कि वे अपने स्तर पर ‘विजन डॉक्युमेंट्स’ तैयार करें.

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