उत्तराखंड की चार धाम यात्रा शुक्रवार 10 मई से शुरू हो गई है। केदारनाथ के कपाट सुबह 6:55 बजे और यमुनोत्री के कपाट सुबह 10:29 बजे खोले गए। दोपहर 12:25 बजे गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए। जबकि बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 12 मई को खोले जाएंगे। केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी पत्नी के साथ दर्शन के लिए पहुंचे। यहां पहले ही दिन हजारों लोगों की भीड़ के कारण अव्यवस्था देखने को मिली।
इन चारों धामों पर दिन का तापमान 0 से 3 डिग्री दर्ज किया जा रहा है। वहीं, रात में पारा माइनस में पहुंच रहा है। इसके बावजूद केदारनाथ धाम से 16 किमी पहले गौरीकुंड में करीब 10 हजार श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। पिछले साल यह आंकड़ा 7 से 8 हजार के बीच था। यहां करीब 1500 कमरे हैं, जो भरे हुए हैं। रजिस्टर्ड 5,545 खच्चर बुक हो चुके हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश में 15 हजार से ज्यादा यात्री पहुंच चुके हैं। चार धाम यात्रा के लिए अब तक 22.15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पंजीकरण करा चुके हैं। पिछले साल रिकॉर्ड 55 लाख लोगों ने दर्शन किए थे।
विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट जय बाबा केदारनाथ के उद्घोष तथा सेना के ग्रेनेडियर रेजीमेंट की बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच ठीक 7 बजे विधि- विधान से खुल गये है। इस अवसर पर दस हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के गवाह बने। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के अवसर पर विशेषरूप से मौजूद रहे उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को बधाई दी देश एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की। उन्होंने कहा कि इस बार चारधाम यात्रा नया कीर्तिमान बनाएगी। प्रदेश सरकार तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु प्रतिबद्ध है। मंदिर को 20 क्विंटल से अधिक फूलोंं से सजाया गया था। साथ ही कपाट खुलते समय तीर्थयात्रियों पर आकाश से हेलीकाप्टर द्वारा फूलवर्षा हुई तथा श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह भंडारे आयोजित किये गये थे।
अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर गंगोत्री एवं यमुनोत्री मंदिर के कपाट धार्मिक विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए है। इस अवसर पर देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालु दिव्य धार्मिक परंपराओं की भव्यता के साथ ही गंगा व यमुना के उद्गम क्षेत्रों की सांस्कृतिक समृद्धि के साक्षी बने। श्रद्धालुओं ने कपाटोद्घाटन के अवसर पर गंगा-यमुना में स्नान-पूजन करने के बाद मंदिर और अखंड ज्योति के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। यात्राकाल के शुभारंभ पर तीर्थ धामों का अभिषेक करने तथा तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी की गई और लोक कल्याण की मंगलकामना करने के साथ ही यात्रा के सुखद और सुरक्षित संपन्न होने की कामना की गई।
यमुनोत्री धाम में कपाटोद्घाटन के लिए प्रातः 6 बजकर 29 मिनट पर मां यमुना की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली (खुशीमठ) से अपने भाई शनिदेव की अगुवाई में कालिन्दी पर्वत की तलहटी में स्थित यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई। खरसाली में ग्रामीणों एवं लोेक देवाताओं की डोलियों ने यमुना जी की डोली को भावुक कर देने वाले माहौल के बीच विदा किया। डोली यात्रा में जिला कमांडेंट होमगार्ड रूद्रप्रयाग सुनील डंगवाल के नेतृत्व में शामिल 15 महिलाएं 8 पुरूष जवानों का बैगपाईपर बैंड भी आकर्षण का प्रमुख केन्द्र रहा। यमुनोत्री धाम में रोहिणी नक्षत्र की बेला पर वैदिक मंत्रोच्चार व विधि-विधान के साथ तीर्थ पुरोहितों के द्वारा पूर्वाह्न 10 बजकर 29 मिनट पर मंदिर केे कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले गए। यमुनोत्री में कपाट खुलने के मौके पर छः हजार से अधिक श्रद्धालुओं के साथ ही एसपी विजिलेंस डॉ. मुरुगेशन, विधायक यमुनोत्री संजय डोभाल, यमुनोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं एसडीएम बड़कोट मुकेश रमोला, सीओ सुरेन्द्र सिंह भण्डारी, मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल, पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरूषोत्तम उनियाल, पवन उनियाल समेत तीर्थ पुराहित और अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।
इधर भैरोघाटी से चलकर गंगा जी की डोली हजारों श्रद्धालुओं के जलसे के साथ गंगोत्री धाम पहंुची तो भागीरथी के उद्गम क्षेत्र में आस्था का समुद्र उमड़ पड़ा। हर-हर गंगे के उद्घोष और पूजा-अभिषेक के साथ गंगोत्री धाम में अभिजीत मूहूर्त पर अपराह्न 12.25 बजे कपाटोद्घाटन हुआ। इस अवसर पर सेना की जेकेलाई रेजीमेंट के बैंड की स्वरलहरियों ने कपाटोद्घाटन के महोत्सव की भव्यता को नया आयाम दिया। रेजीमेंट के द्वारा श्रद्धालुओं के लिए लंगर की भी व्यवस्था की गई थी।